प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की शैक्षणिक योग्यता में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया है सरकार की मंजूरी मिलने के बाद कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नई शैक्षिक योग्यता में मानक परिणाम लागू होने जा रहे हैं प्रस्ताव के मुताबिक कार्यकर्ता की योग्यता 12वीं पास रखी गई है और सहायिका पद के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं की बजाय 10वीं पास होनी चाहिए।
सरकार का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक योग्यता 12वी पास करने के लिए आंगनवाडी को प्ले स्कूल में बदलना है 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में बदल दिया गया है और अन्य 4000 स्कूलों को प्ले स्कूल में बदल दिया जाएगा बता दें कि पहले सरकार ने ग्रुप सी के सभी पदों के लिए 12वीं कक्षा पास और ग्रुप डी के सभी पदों के लिए 10वीं कक्षा पास निर्धारित की थी लेकिन वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की शैक्षणिक योग्यता 10वीं कक्षा पास होने का सुझाव दिया गया है जहां हेल्पर के लिए शैक्षणिक योग्यता 5वीं पास है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान में कर्मचारी पूल का 25% पदोन्नति के लिए आरक्षित है यह भी देखा जा रहा है कि इन पदों को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी तक किया जा सकता है इसलिए दोनों पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास करने का प्रस्ताव है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 5वीं पास के रूप में भर्ती किया गया और अनपढ़ महिलाओं को भी सहायिका के रूप में भर्ती किया गया वर्तमान में राज्य में 25965 आंगनवाड़ी केंद्र हैं जिनमें से 1000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद रिक्त हैं इसी बीच एक बड़ी खबर ये भी आ रही है कि चार हजार से ज्यादा हेल्पर के पद भी खाली हैं।
सरकार द्वारा नए शैक्षिक मानक लागू होने के बाद इन पदों पर नए नियमों के अनुसार नियुक्ति की जाएगी आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन के प्रदेश महासचिव व्यवसायी राणा कहते हैं शैक्षिक योग्यता बढ़ाने पर कोई आपत्ति नहीं है महिलाएं आंगनवाड़ी चला सकेंगी बेहतर नौकरियां कर सकेंगी और बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी इन्हें प्ले स्कूल में तब्दील किया जा रहा है और इस फैसले का भी स्वागत है।
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