मध्यप्रदेश में आयुष्मान कार्ड को लेकर एक बदलाव हुआ है, आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त में इलाज कराने वाले मरीजों को इलाज के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
राज्य के सभी प्राइवेट अस्पतालाें में आज से आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों का इलाज सुविधा अब पूरी तरह बंद करने का घोषणा कर दिया है. यूनाइटेड प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने का ऐलान बंद
क्या है डॉक्टर्स एसोसिएशन की मांग
United private doctor association ने सरकार के सामने तीन मांगें भी रखी हैं. अस्पताल संचालकों की पहली मांग 31 मार्च 2023 तक के सभी बिलों का बिना देरी किये भुगतान किया जाए.
तथा दूसरी मांग है की आयुष्मान निरामय कार्ययोजना समिति में अफिकरियों के साथ प्रायवेट डॉक्टर्स को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। वही तीसरी मांग है की आगे से 30 दिनों के अंदर आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज का भुगतान कर दिया जाए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयुष्मान योजना के अंतर्गत अभी प्रायवेट अस्पतालों के करीब 600 से 900 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है,
और हर रोज़ करीब 4 हज़ार मरीजों का इलाज किया जा रहा है. डॉ पालीवाल ने कहा कि अगर समस्याओं का निराकरण नही किया गया तो 600 से ज्यादा प्रायवेट अस्पताल आयुष्मान योजना के हितग्राहियों का इलाज पूरी तरह से बंद करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
सरकार पर करोड़ो रूपये की उधारी
निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि पिछले 1 साल से आयुष्मान योजना के अंतर्गत हो रहे मरीजों के इलाज का पैसा सरकार ने नहीं दिया है. जिसके चलते अस्पताल करोड़ों रुपए की उधारी झेल रहे हैं. लगातार गहराता आर्थिक संकट के बीच अब प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज ना करने का फैसला लिया है