मोहन कैबिनेट मे कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर, सरकार नहीं भरेगी मंत्रियों का टैक्स

Mohan Cabinet 2024 : विधानसभा सत्र के पहले मोहन कैबिनेट की बैठक मंत्रालय में समाप्त होती है। इस कैबिनेट बैठक मे बहुत अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है तो कुछ पर रोक भी लगा है। मध्य प्रदेश के मंत्री अब अपना इनकम टैक्स खुद जमा करेंगे। सरकार ने मंत्रियों द्वारा आयकर भुगतान को विनियमित करने वाले कानून को समाप्त कर दिया है।

जेल सुधारगृह, कृषि और रेल में बदलाव कई मुद्दों पर सहमति बनी

आज जेल सुधारगृह, कृषि और रेल परिवहन में बदलाव समेत कई मुद्दों पर सहमति बनी। मोहन सरकार जल्द ही जेल सुधार केंद्र की व्यवस्थाएं सुधारने और कैदियों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए एक विधेयक लाएगी। इसके लिए सरकार जल्द ही विधानसभा में एक बिल पेश करेगी।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंत्री आयकर भुगतान अधिनियम को खत्म कर दिया है। सीएम मोहन ने सुझाव दिया कि कैबिनेट सदस्य अपना इनकम टैक्स खुद भरेंगे। इस प्रस्ताव का कैबिनेट के सभी सदस्यों ने भी समर्थन किया।

एग्रीकल्चर से पास युवाओं को मिलेगा रोजगार

इस बैठक में एग्रीकल्चर से पास युवाओं को रोजगार देने के बारे में भी फैसले किये गये। कृषि से जुड़े सहकारी संस्थानों में कृषि के छात्र मिट्टी का व्यवस्थित विश्लेषण कर सकेंगे। प्रत्येक ब्लॉक में 45 मिट्टी का विश्लेषण किया जाएगा, जिसका खर्च सरकार वहन करेगी। जितना अधिक आप किसानों को मृदा परीक्षण के लिए मनाएंगे, उतना ही उन्हें आर्थिक रूप से लाभ होगा। साथ ही किसानों को अपनी मिट्टी की रिपोर्ट भी सही ढंग से मिल सकेगी। यह प्रयोगशाला सभी 313 ब्लॉकों में संचालित होगी।

पौधारोपण के नियमों में भी बदलाव

CSR Fund से सिर्फ 10 हेक्टेयर जमीन पर ही पेड़ लगाए जा सके। लेकिन अब वह सीमा खत्म कर दी गई है। यदि कोई सीएसआर के माध्यम से एक से पांच हेक्टेयर तक पौधे लगाना चाहता है तो वह सीएसआर फंड से ऐसा कर सकता है।

इन अहम प्रस्तावों पर लगा मुहर

आज मोहन सरकार ने उन जवानों के परिवारों के लिए भी फैसला लिया है जो अर्धसैनिक, सैन्य या पुलिस सेवा में देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाते हैं। सरकार ने निर्णय लिया कि अब शहीदों को राज्य सरकार से मिलने वाली राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा उनके माता-पिता को दिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देखने में आया है कि किसी परिवार का इकलौता बेटा शहीद हो गया। उनकी शहादत के बाद मिलने वाली रकम उनकी पत्नी को दे दी गई। पत्नी धन लेकर चली जायेगी और परिवार उससे वंचित हो जायेगा। लेकिन अब राज्य सरकार 50 फीसदी राशि उनके माता-पिता को देगी।

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