रीवा जिले के इस अदभुत तालाब में देखी गई थी जलपरी आज भी है मौजूद 400 वर्ष पुराना है इसका इतिहास!

रीवा जिले के इस अदभुत तालाब में देखी गई थी जलपरी आज भी है मौजूद 400 वर्ष पुराना है इसका इतिहास!

मध्यप्रदेश में तो यूं बहुत ऐसे स्थान हैं जिनकी खुबसूरती पूरे देश के मशहूर है लेकिन आज हम जिस जगह के बारे में आपको बताने जा रहे हैं यकीनन आपने उसका नाम नहीं

सुना होगा लेकिन हम आपको आज उस जगह के बारे में विस्तार से बताएंगे इस लिए खबर के अंत तक बने रहिए यह जानकारी रोमांचित करेगी आपको। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के रीवा जिले से 110 किलोमीटर दूर हनुमना तहसील के अंतर्गत गांव पांती मिश्रान में एक ऐसा तालाब स्थित है जो की 400 साल पुराना है जो अपने अंदर कई राज समेटे हुए है इस तालाब का पानी कभी भी नहीं सूखता है 

यहां के लोगों का कहना है की इस तालाब में 50 फीट की एक मछली रहती है लेकिन वो आम मछली नही हैं लोगो के अनुसार ये मछली कभी कभी दिखाई देती है

गांव के ऐसे बहुत कम लोग हैं जो की इस मछली को देख चुके हैं इस मछली की लंबाई 50 फीट की है और यह मछली ने नाक में 10 किलो सोने की नथ पहनी हुई है

यहां के लोग कहते हैं कि मछली नही है जलपरी है गांव वालों का दावा है कि वो जलपरी आज भी मौजूद है लेकिन सबको दिखाई नही देती है।

बहुत कम लोगों ने उसको देखा है बात करें मछली यानी जलपरी की तो लोग यह भी बताते हैं है कि लोगों ने तालाब का पानी कर के इस मछली को खोजने का कई बार प्रयास की लेकिन जलपरी नही मिली।

लेकिन लोग आज भी दावा करते हैं कि वो आज भी उसी तालाब में रहती है तालाब के पास ही एक मंदिर भी है मंदिर की संरचना भी काफी ज्यादा अद्भुत है क्योंकि आज से 400 वर्ष पूर्व कोई मशीन थी

नहीं तो मंदिर में इतने बड़े बड़े पत्थर कैसे लगे हुए हैं ये भी बड़ा राज है जलपरी के साथ साथ यह मंदिर भी अपने अंदर कई राज समेटे हुए है हालाकि लोग इस तालाब में जाने से भी डरते हैं।

क्योंकि कुछ लोग यहां अजीब शक्तियों का वास मानते हैं इसलिए गांव के लोग रात के वक्त यहां कोई नहीं जाता हैं।

लेकिन लोगों ने बहुत से राज इस तालाब को लेकर बताया बहुत खूबसूरत  और अदभुत तालाब है साथ ही अपने अंदर बहुत से राज समेटे हुए है।

उम्मीद है आपको जानकारी पसंद आई होगी ऐसी ही खबरों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए जॉइन वॉट्सएप ग्रुप पर क्लिक करके जुड़े प्रथम न्याय न्यूज़ के साथ धन्यवाद। 

Exit mobile version