रीवा जिले के त्योंथर तहसील में यादव परिवार के पांच सदस्य मस्कुलर डिस्ट्राफी नाम की अजीब बीमारी से जूझ रहे । विषय की जानकारी जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगी तो उन्होंने पीड़ित परिवार से न केवल बात की बल्कि इसकी जानकारी भी दी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर जानकारी दी है
उसरगांव निवासी मनीष यादव ने बात की और बताया कि उनका परिवार मस्कुलर डिस्ट्राफी से पीड़ित है।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने तथा हर संभव सहयोग के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। कहा कि बेटा मनीष, आपको और आपके परिवार को चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं और पूरी मध्यप्रदेश सरकार आपके परिवार के साथ खड़ी है। आपको और परिवार के सभी सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। आप सभी स्वस्थ जीवन का आनंद लें,
यही मेरी शुभकामनाएं हैं। मुख्यमंत्री से बात करने के बाद परिवार को अच्छा लगने लगा है कि उनका इलाज हो जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj से आज उसरगांव निवासी मनीष यादव ने बात की और बताया कि उनका परिवार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित है।
मुख्यमंत्री जी ने चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने तथा हरसंभव सहयोग के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। pic.twitter.com/CgbI6bped5
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) March 25, 2023
बच्चों में इस बीमारी के शुरुआती लक्षण साल 2006 में दिखाई देने लगे थे, जिसके बाद बच्चों को उनके स्वजन दिल्ली एम्स लेकर गए। एम्स के डाक्टर्स ने रिसर्च पेपर तैयार कर अमेरिका भेजा। रिपोर्ट आने के बाद जर्मनी और यूएई में ही इलाज मिलने की सलाह दी। पीड़ित परिवार त्योंथर जनपद के उसरगांव का रहने वाला है। परिवार में 9 लोग हैं,
इनमें से 5 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की चपेट में हैं। स्टेम सेल थेरेपी के जरिए इस बीमारी का इलाज कुछ हद तक संभव है, लेकिन इसका खर्च बहुत महंगा है। एक लाख रु. का एक इंजेक्शन पड़ता है। ऐसे 20 इंजेक्शन मरीज को लगाए जाते हैं। जांच और दूसरे चार्जेस का खर्च भी अलग से आता है। एक पीड़ित के इलाज में करीब 30 लाख रुपए का खर्च होने का अनुमान है।