
Rewa News: रीवा जिले की डभौरा नगर पालिका में कर्मचारियों के संविलियन में धांधली का मामला उजागर हुआ है जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने संयुक्त संचालक समेत 6 अधिकारी-कर्मचारियों को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है वहीं, जिला पंचायत सीईओ को पंचायत कार्यालय के 6 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
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2018 में सरकार द्वारा रीवा जिले की पंचायतों को मिलाकर दवौरा नगर पालिका का गठन किया गया था। इस दौरान विलय के नाम पर कई अनियमितताएं की गईं शिकायत के आलोक में जांच में यह मामला सामने आया है
छह साल पहले राज्य सरकार ने रीवा जिले की ग्राम पंचायत दवौरा को नगर पालिका का दर्जा देने की घोषणा की थी अकोरिया, मगदौर, गेदुरहा, कोटा, पनवार और लटिया की ग्राम पंचायतों को मिलाकर दावौरा को नगर पालिका के रूप में बनाया गया था।
नगर पालिका का दर्जा मिलने के बाद पंचायत विभाग के कर्मचारियों को नगर प्रशासन विभाग में संविलियन कर दिया गया इसके लिए 50 पात्र पंचायत कर्मचारियों की सूची तैयार की गई छानबीन समिति की अनुशंसा से तत्कालीन प्रशासक एवं संयुक्त निदेशक रामेश्वर प्रसाद ने सोनी को सौंप कर प्रशासन एवं विकास विभाग के निदेशक का अनुमोदन कर दिया।
2021 संवीक्षा समिति की बैठक में 7वें वेतनमान में सूचीबद्ध कर्मचारियों के संविलियन की अनुशंसा की गई इस लिस्ट में आशीष सोनी का नाम भी 32वें नंबर पर था समिति की बैठक के बाद तत्कालीन प्रभारी सीएमओ केएन सिंह के माध्यम से विभाग से संविलियन की मांग की गयी थी।
इसके लिए संयुक्त संचालक के निर्देशन में एक चयन समिति का गठन किया गया, जिसमें नईगढ़ नगर पालिका के तत्कालीन सीएमओ संजय सिंह भी शामिल थे फिर अधिकारियों की मिलीभगत से कर्मचारी आपस में मिल गए।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पंचायत कार्यालय के कर्मचारियों के संविलियन में अनियमितता के आरोपों की जांच की थी इसमें संयुक्त निदेशक सोनी ने अपने बेटे आशीष के साथ अन्य कर्मचारियों को भी नियम विरुद्ध एकजुट कर लिया।
विभाग की जांच समिति ने अनियमितताओं में तत्कालीन संयुक्त संचालक रामेश्वर प्रसाद सोनी, तत्कालीन दवौरा सीएमओ केएन सिंह, तत्कालीन नईगढ़ सीएमओ संजय सिंह और अन्य की भूमिका और संलिप्तता पाई।
इस अवैध विलय से विभाग को दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ इसके लिए कमेटी ने सीधे तौर पर संयुक्त निदेशक सोनी को दोषी ठहराया है।
इस जांच के आधार पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त भरत यादव ने संयुक्त संचालक रामेश्वर प्रसाद सोनी, चाकघाट नगर पालिका सीएमओ संजय सिंह, गुड़गांव सीएमओ केएन सिंह, मुनेंद्र पांडे सहायक ग्रेड-1 दवौरा, सतीश कुमार द्विवेदी को दोषी ठहराया।
अनियमितता के आरोप में सहायक राजस्व निरीक्षक दवौरा, स्वच्छता उपनिरीक्षक अंकुश सिंह बघेल को निलंबित कर दिया गया है। मूल रूप से पंचायत विभाग में सचिव पद पर रहे रीवा जिला पंचायत सीईओ एमएल साकेत
लेखापाल, सुशीला दीक्षित, रामराज सेन, कामता कोले, दिनेश पांडे और परशुराम तिवारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है।
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