सीएम शिवराज की बढ़ी मुश्किल अलग पार्टी बना कर चुनाव लडेगी जायस

MP में अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेगा जयस ST, SC, OBC और मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर बनाई रणनीति 

मध्यप्रदेश में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन यानि जयस आगामी चुनाव में अलग मोर्चा बनाकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। ​​​​​शनिवार को जयस के साथ आदिवासी, दलित और ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधि एक मंच पर आए। सभी प्रतिनिधियों के साथ विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने बैठक की। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई। डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा- हम युवाओं के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।

बैठक में जयस के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हीरालाल अलावा के साथ रीवा के पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल, समता समाधान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पवार, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के नेता तौकीर अली निजामी भी शामिल हुए। बैठक में बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी भी मौजूद रहे।

अलावा बोले- अलग मोर्चा बनाकर लड़ेंगे 2023 का चुनाव 

डॉ. अलावा ने कहा कि जयस महापंचायत में हमने संकल्प लिया था कि युवा नेतृत्व के तहत 2023 और 2024 के चुनाव में नए युवाओं को चुनाव लड़ाएंगे। हम प्रदेश में नया युवा नेतृत्व देने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमने 10 संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। जिसमें विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर मंथन किया। अलावा ने कहा- जयस स्वतंत्र सामाजिक संगठन है, जो नए युवाओं को मौका देने की मुहिम चला रहा है। मिशन के बढ़ते कारवां से लोग और दल जुड़ते जा रहे हैं। जयस स्वतंत्र मोर्चा तैयार करके नए युवाओं की राजनीतिक भागीदारी के लिए आगे की तैयारी शुरू कर चुका है।

कॉमन सिविल कोड पर अलावा ने चला नया दांव 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाल में कॉमन सिविल कोड को प्रदेश में लागू करने के लिए कमेटी बनाने का ऐलान किया है। सीएम की इस घोषणा पर अलावा ने नया दांव चला है। अलावा ने कहा कि सरकार कॉमन सिविल कोड लागू करना चाहती है तो करे, लेकिन उसके पहले अमीर-गरीब की संपत्ति का बंटवारा होना चाहिए। देश में कुछ बड़े उद्योगपतियों के खजाने भरते जा रहे हैं। कोरोना काल में गरीब, दलित, आदिवासियों के घर बिक गए।

अलावा ने कहा- आप कॉमन सिविल कोड लाइए, लेकिन उसके पहले समाज के हर व्यक्ति की संपत्ति भी बराबर कराइए। गरीब-अमीर के बीच की खाई दूर करने का काम करें। सबकी संपत्ति का बराबर बंटवारा करो, फिर हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।

बैठक में ये हुए शामिल 

प्रहलाद जिराती, प्रदेश अध्यक्ष, समता समाधान पार्टी, मध्य प्रदेश

इन्द्रपाल मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष, जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस)

रतनलाल वाथम, राष्ट्रीय अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग संघ

एपी पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अपाक्स

डॉ. सुरेश सलाम, सेवानिवृत्त क्षेत्रीय प्रबंधक, स्वास्थ्य विभाग, रीवा

मोहन सिंह चंदेल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, सिवनी

जीवन राज द्रविड़, संस्थापक अध्यक्ष, भारत रक्षा दल

संतोष कमल, अध्यक्ष, मप्र बेरोजगार सेना

अंबाराम मालवीय, पूर्व जिला पंचायत सदस्य, सीहोर

एडवोकेट रतिराम कंसारिया, प्रदेश सलाहकार, समता समाधान पार्टी

राजन कुमार, राष्ट्रीय सलाहकार, जयस

 

85 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी 

प्रदेश में 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर से विधायक डॉ. हीरालाल अलावा कहते हैं कि करीब 35 से 40 सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासी वोटर जीत-हार तय करते हैं। जयस को आदिवासियों के साथ ही दलित, ओबीसी और मुस्लिम का साथ मिला, तो हम करीब 85 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर चुनाव लड़ेंगे। सरकार में हमारी मुख्य भूमिका होगी।

आदिवासी क्षेत्रों में भी परंपरा थी कि कुछ गिने-चुने परिवारों के ही लोग चुनाव लड़ते हैं, लेकिन जयस की वैचारिक क्रांति ने युवाओं में राजनीतिक चेतना जगाई है। अब आदिवासी वर्ग के युवा दलों के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि जयस के शिक्षित और जागरुक युवाओं को हम चुनाव लड़ा कर सदन में पहुंचाएंगे।

CM की विधानसभा सीट पर भी जयस की नजर 

जयस नेताओं का दावा है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST) के लिए आरक्षित 47 सीटों के अलावा कई ऐसी सीटें हैं, जहां आदिवासी वोटर्स अच्छी खासी संख्या में हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र बुधनी, पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया की विधानसभा बमोरी, उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव के बदनावर, पूर्व सीएम सुन्दर लाल पटवा की परंपरागत सीट रही भोजपुर के अलावा सिवनी मालवा, कुंडम, मंधाता, सिलवानी, परसवाड़ा, कटनी, बहोरीबंद, विजयपुर, श्योपुर, खातेगांव, महू, देवरी, पवई, सीधी, कोतमा, बरगी, केवलारी, बैतूल, आमला, महेश्वर, सोहागपुर, पिपरिया सहित करीब 35 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां आदिवासी वोटर्स की संख्या निर्णायक है। जयस ओबीसी, दलित और मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।

जयस को मिला माझी समाज का साथ 

आदिवासी वर्ग के चर्चित विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने नया दांव खेला है। हीरालाल अलावा ने मांझी समाज के साथ बैठक कर प्रदेश की 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भोपाल के गांधी भवन में आयोजित मांझी आदिवासी महासंघ के कार्यक्रम में अलावा ने कहा- मप्र में दो करोड़ से ज्यादा आदिवासी है। यदि माझी, मछुआ, मल्लाह, केवट, रैकवार समाज के लोग साथ खड़े हो जाएं तो हम प्रदेश की 150 सीटों पर अपनी राजनीतिक ताकत दिखाकर प्रदेश में अपना मुख्यमंत्री बनाने में कामयाब हो सकते हैं

प्रीतम लोधी भी आएंगे साथ 

डॉ अलावा ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी से भी चर्चा हुई है। वे हमारे साथ आकर अपनी राजनीतिक लड़ाई लडेंगे। ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष से भी चर्चा हुई है। जल्द ही ओबीसी वर्ग में आने वाली अति पिछड़ी जातियों को भी जयस के साथ जोड़कर अगले साल के विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे। धनगर, पाल, कुशवाह, बढ़ई, लोहार जैसे अति पिछडे़ वर्ग के लोगों को साथ लाकर चुनाव लड़ेंगे। अलावा ने कहा जयस एक सामाजिक संगठन है। अगले विधानसभा चुनाव में जयस चुनाव लड़ने वाले युवाओं का समर्थन करेगा।

सरकारों ने किया माझी समाज के साथ अन्याय 

माझी समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों की सरकारों में माझी समाज के साथ अन्याय हुआ है। माझी समाज को आदिवासी वर्ग में जोडने के बजाए दूर रखा गया है। सरकारें अब तक हमें सिर्फ आश्वासन देकर हमारे वोट बटोरतीं आई हैं। नदियों, तालाबों और जलाशयों में मछली पालन करके मेहनत के बल पर जीवन व्यतीत करने वाले माझी मछुआरा समुदाय की राजनैतिक भागीदारी भी शून्य है मप्र विधानसभा में एक भी माझी विधायक नहीं हैं। 

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