
सीधी जिले का एक ऐसा गांव जहां ट्रक में लदे रेत से गिरने वाले पानी को पीने के लिए मजबूर हैं राहगीर एवं ग्रामीण
अमर द्विवेदी। सीधी जिले के सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बघौड़ी पंचायत के कैमोर मूड़ा पहाड़ के शिव मंदिर के पास पानी की कोई व्यवस्था नहीं है जो सरकार एवं जनप्रतिनिधियों की पोल खोलती हुई नजर आ रही है।
ट्रक में लदे रेत से पानी पीने को मजबूर हैं स्थानीय एवं राहगीर
विदित हो कि कैमोर मूड़ा पहाड़ के पास भगवान भोलेनाथ का मंदिर है वहां पर पानी का कोई भी साधन नहीं है जो हैंडपंप है वह भी हवा फांक रहे हैं जबकि पीएचई विभाग के द्वारा आज तक किसी भी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई। जो ट्रक में लदे रेत से पानी गिरता है उसी को स्थानीय लोग बाल्टी में भर लेते हैं तथा उसी का उपयोग स्वयं के लिए एवं राहगीरों के लिए करते हैं क्योंकि मंदिर होने की वजह से राहगीर वहां पर रुकते हैं और अपनी प्यास को जाते हैं जिसका एकमात्र साधन रेत का पानी है।
भगवान को स्नान कराने के लिए घर से लाते हैं पानी
शिव मंदिर के पुजारी राम जी गौतम की माने तो वह भगवान को स्नान कराने के लिए कमंडल में अपने घर सुडवार से प्रतिदिन पानी लाते हैं और भगवान को स्नान कराते हैं।
प्रशासन, विभाग, जनप्रतिनिधि, सरकार के दावों की खुली पोल
पानी की इस जटिल समस्या ने चाहे वह प्रशासन हो यह फिर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी चाहे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों या फिर प्रदेश की सरकार सभी के दावों की कलई ट्रक से लदे रेत की पानी ने खोल कर रख दी है।

नेताओं के कारण पिस रही है जनता
जिस तरह से चक्की में आटा पिसता है ठीक उसी तरह सिहावल विधानसभा क्षेत्र के इस गांव की जनता पिस रही है क्योंकि क्षेत्रीय विधायक कमलेश्वर पटेल हैं और वे लगातार यह राग अलाप आते रहते हैं कि हमारी सरकार नहीं है और ना ही विभाग हमारी सुनता है जिसकी वजह से यह समस्या बनी हुई। वही बात की जाए सांसद की तो उनका तो भगवान ही मालिक है कि वह किस लोक में रहती है क्योंकि जनता से उनका सरोकार नहीं दिख रहा है यही कारण है कि दोनों नेताओं के बीच में जनता पिस रही है। भाजपा की सरकार चाहे कितने ही ढिंढोरे क्यों न पीट ले परंतु पानी जैसी मूलभूत समस्या की कड़वी सच्चाई आज आपके समक्ष है। अब देखना दिलचस्प यह होगा की खबर प्रकाशन के बाद क्या विभाग या जनप्रतिनिधि कुंभकर्णी निद्रा से जागते हैं या यूं ही आम जनमानस को इस भीषण गर्मी में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।