सीधी जिले में नगर पालिका एवं नगर परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हैं तथा सभी प्रत्याशियों के हार एवं जीत की घोषणा भी हो गई शह और मात के इस चकाचौंध में कांग्रेस का डंका बज गया है और बीजेपी के हाथ में निराशा लगी है तो वही कुछ वार्डो से निर्दलीय तथा आम आदमी पार्टी ने भी बाजी मारी है। नगर पालिका सीधी के परिणाम आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई है 24 वार्डों में 14 वार्ड कांग्रेश में ने जीती है तो बीजेपी सिर्फ 6 वार्ड में जीत के साथ सिमट गई वहीं निर्दलीय पार्टियों की बात की जाए तो 3 वार्ड में उनको भी जीत का सेहरा बंधा है और इसी के साथ आम आदमी पार्टी ने भी सीधी जिले में शुरुआत 1 वार्ड की जीत के साथ कर दी है।
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बात की जाए नगर परिषद चुरहट की तो 15 वार्ड में से 10 वार्ड में कांग्रेस पार्टी ने एकतरफा जीत हासिल की है तथा बीजेपी मात्र तीन वार्ड जीतकर सिमट गई, एक वार्ड पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया तथा 1 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है।
जानिए कांग्रेस के जीत के पांच मुख्य कारण: –
1. पूर्व नेता प्रतिपक्ष का सघन जनसंपर्क: –नगर पालिका व नगर परिषद सीधी के चुनाव में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने सघन जनसंपर्क कर सभी प्रत्याशियों को विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
2. अति आत्मविश्वास बना भाजपा के हार का मुख्य कारण: – नगर पालिका सीधी तथा नगर परिषद चुरहट में कांग्रेस की जीत एवं भाजपा के मुख्य हार का कारण भारतीय जनता पार्टी के अति आत्मविश्वास का होना रहा है।
3. पन्ना बूथ अधिकारी भी नहीं जीता पाए अपना वार्ड:- भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रत्येक मतदाताओं पर पकड़ रखने के लिए पन्ना बूथ अधिकारी भी नियुक्त किए गए थे लेकिन भाजपा की यह रणनीति भी काम नहीं आई।
4. सीधी जिले में भाजपा का लोगों में नहीं रहा विश्वास: – जिस देश में नगर पालिका सीधी एवं नगर परिषद चुनाव के परिणाम सामने आए हैं उससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब मतदाता भारतीय जनता पार्टी से ऊब चुके हैं तथा कांग्रेस या अन्य दलों की तलाश शुरू कर दी है।
5. दिग्गज नेता भी नहीं दिला पाए जीत:- सीधी नगर पालिका एवं नगर परिषद चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता भी जीत नहीं दिला पाए जहां सीधी में सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल एवं भाजपा जिला अध्यक्ष इंद्र शरण चौहान भी अपने गढ़ में भाजपा को जीत नहीं दिला पाए तथा नगर परिषद चुरहट में प्रदेश महामंत्री सत्येंद्र तिवारी जी फिसड्डी साबित हुए।
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