सिहावलसीधी

सीधी जिले में एक तरफ विकास यात्रा तो दूसरी तरफ गायों की भूख प्यास से तड़प तड़प कर हुई मौत

सीधी जिले में एक तरफ विकास यात्रा एक तरफ गायों की भूख प्यास से तड़प तड़प कर हुई मौत

मध्यप्रदेश की लगातार गोवंश की सुरक्षा के लिए तमाम दावे कर रही है लेकिन उसकी कलई खुलती हुई नजर आ रही है ऐसा ही पूरा मामला सीधी जिले के सिहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कारीमाटी पंचायत का है जहां पर गौशाला नहीं होने की वजह से किसानों की फसल को आवारा मवेशी गोवंश नष्ट कर रहे थे वही किसान एकजुट होकर एक अस्थाई बाड़े में लगभग डेढ़ सौ से 200 मवेशियों को बंद कर दिया।

3-4 माह से बंद है गोवंश

बता दें कि किसानों के द्वारा विगत तीन-चार माह से गोवंश को बंद करके रखा गया है कुछ दिन तक सूखा चारा वह पानी तो दिया गया परंतु अब वह भी उन्हें नसीब नहीं हो रहा है जिसकी वजह से आए दिन उनकी मौत हो रही है।

6 से 7 गोवंश की हो गई मौत

विदित हो कि 3:00 से 4 महीने से कैद में रहते हुए 6 से 7 गोवंश की मौत हो गई स्थानीय लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि चारा व पानी ना मिलने की वजह से इनकी मौत हुई है वहीं अगर इन्हें चारा व पानी उपलब्ध होता तो इनकी मृत्यु ना होती।

सीधी जिले में एक तरफ विकास यात्रा तो दूसरी तरफ गायों की भूख प्यास से तड़प तड़प कर हुई मौत

एक गाय ने दिया 2 दिन पहले बछिया को जन्म हो गई मौत

2 दिन पहले एक गाय ने एक बछिया को जन्म दिया था परंतु भूख प्यास की वजह से उस बछिया व उसके मां की मौत हो गई वही इन्हें देखने वाला कोई भी आसपास नजर नहीं आ रहा था। 

सीधी जिले में एक तरफ विकास यात्रा तो दूसरी तरफ गायों की भूख प्यास से तड़प तड़प कर हुई मौत

स्कूल के बच्चे व रसोईया डालते हैं सूखा चारा 

जहां पर अस्थाई बाड़ा बनाया गया है उसी के बगल में शासकीय माध्यमिक शाला कारीमाटी संचालित है  वही समूह में मध्यान भोजन बनाने वाली रसोईया पुष्पा सोंधिया ने जानकारी देते हुए बताया कि दोपहर के समय में मैं खुद वह बच्चों को लेकर इन गायों को सूखा चारा व पानी देते हैं कभी-कभी 3 से 4 दिन भी पानी देने में लग जाते हैं क्योंकि डेढ़ सौ से 200 की संख्या में एक साथ पानी पिलाना अकेले के बस की बात नहीं है।

सीधी जिले में एक तरफ विकास यात्रा तो दूसरी तरफ गायों की भूख प्यास से तड़प तड़प कर हुई मौत

बच्चों ने कहा दुर्गंध की वजह से नहीं खा पाते हैं मध्यान भोजन

शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कारी माटी में पढ़ने वाले बच्चों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कई गाय तो ऐसे हैं जिनको मरे हुए 10 दिन से ऊपर हो गए हैं कोई देखने वाला नहीं है दुर्गंध इतनी भयानक है कि हम लोगों का यहां पर मध्यान भोजन खाना मुश्किल हो रहा है हम लोग इधर उधर भाग कर मध्यान भोजन खाते हैं।

दूर से ही आती है दुर्गंध

जब मीडिया कर्मियों ने घटनास्थल पर जाकर जायजा लिया तो वहां का दृश्य काफी भयावह था क्योंकि दो कमरे के अंदर लगभग डेढ़ सौ से 200 गोवंश को बंद कर रखा गया था जहां पर उनके पास बैठने तक की जगह नहीं है कई गोवंश तो ऐसे हैं जो विगत तीन-चार माह से बैठे तक नहीं है वही जिनकी मौत हो गई है वह वहीं पर सड़ गए हैं ऐसे में लगभग चारों तरफ दुर्गंध युक्त हवा फैल रही है जिसकी वजह से बीमारियों का भी खतरा बना हुआ है।

प्रधानाध्यापक ने कहा सरपंच को लिख चुके हैं पत्र 

शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कारी माटी के प्रधानाध्यापक नरेश माझी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में सरपंच को भी व्हाट्सएप के जरिए पत्राचार किया जा चुका है परंतु अभी तक कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं हुई है।

तस्वीरें कर देंगी विचलित

जिस तरह से भूख प्यास से तड़प तड़प कर गोवंश उसके 2 दिन पूर्व जन्म में बसिया की मृत्यु हो गई है उसकी तस्वीर हम आपको नहीं दिखा सकते हैं क्योंकि वह आपको विचलित कर सकती हैं अब आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी भयावह है।

सरकार के दावों की खुली पोल

मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार विगत 18 वर्षों से है गोवंश को लेकर भाजपा कांग्रेस हमेशा ही राजनीति करती आ रही है परंतु 18 वर्ष की भाजपा की सरकार कि यह देन है कि एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है परंतु किसान अपनी आय दुगनी कैसे करें जब उन्हें अपने खेत की रखवाली करने के लिए उचित इंतजाम नहीं है क्योंकि गौशाला नहीं होने की वजह से आवारा मवेशी बस इधर से उधर घूमते हैं जिसकी वजह से मजबूरी में किसान अपनी फसल को बचाने के लिए आवारा मवेशी पशुओं को कैद किए हुए हैं वही यह तस्वीर प्रदेश की सरकार की परत खोलने के लिए काफी है कि किस तरह से विकास की पटकथा लिखी गई है क्योंकि इस समय पर पूरे मध्यप्रदेश में विकास यात्रा चल रही है दूसरी तरफ गोवंश की मौत हो रही है।

इनका कहना है

आपके द्वारा मुझे इस संबंध में जानकारी दी गई है तभी यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है इसको दिखाता हूं जैसा भी होगा उसके बाद ही कुछ कह पाऊंगा।

आरके सिन्हा एसडीएम सिहावल

सीधी जिले में एक तरफ विकास यात्रा तो दूसरी तरफ गायों की भूख प्यास से तड़प तड़प कर हुई मौत

मध्य प्रदेश की सरकार केवल खोखले वादे करती है ना तो बजट दिया जाता है और ना ही कोई गौशाला का निर्माण करवाया जाता है ऐसे में किसान अपनी रखवाली के लिए तो इस तरह के कदम उठाएंगे ही।

रवि सिंह परिहार जनपद सदस्य पहाड़ी

सीधी जिले में एक तरफ विकास यात्रा तो दूसरी तरफ गायों की भूख प्यास से तड़प तड़प कर हुई मौत

पंचायत में किसी भी प्रकार का बजट नहीं है और ना ही वर्तमान में सरकार की ऐसी कोई योजना है कि गौशाला बनवाया जा सके रही बात गोवंश की मृत्यु एवं कैद होने के संबंध में मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है आपके द्वारा मुझे जानकारी दी गई है मैं घटनास्थल पर जाकर देखता हूं और जो कुछ भी होगा उचित इंतजाम करवाता हूं।

अजय सिंह चौहान सरपंच कारीमाटी 

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