Singrauli News: मध्य प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़े विस्थापन की तैयारियां चल रही हैं। हरसूद की तरह अब सबसे बड़ा विस्थापन सिंगरौली जिले के मोरवा में होगा। शहर में 20,000 से अधिक घर ध्वस्त कर दिए जाएंगे क्योंकि वहां विशाल कोयला भंडार पाया गया है। इस संबंध में एनसीएल (नॉर्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड) ने मास्टर प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए मोरवा को हटाया जाएगा।
2025-26 के बजट में इस बदलाव का जिक्र
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2025-26 के बजट में इस बदलाव का उल्लेख किया। यह यात्रा मध्य प्रदेश की खनन राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली शहर में होगी। इस स्थिति में सिंगरौली में रहने वाले 50,000 लोगों को नए स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा। हालाँकि, बजट में इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।
मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा विस्थापन
यह कार्य 2032 तक पूरा होने की संभावना है। इसमें एनसीएल मुख्यालय और आवासीय कॉलोनी भी शामिल है। कंपनी अगले दस वर्षों के भीतर यहां कोयला उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है। कोल इंडिया के निदेशक मंडल ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। इसलिए मोरवा को अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
कोयला भंडार 2,202 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
सिंगरौली कोयला भंडार 2,202 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। मुहर उप-बेसिन 312 वर्ग किमी में फैला है, जबकि मुख्य सिंगरौली बेसिन 1,890 वर्ग किमी में फैला है। अब तक कोयला खनन केवल मुहर उप-बेसिन में ही किया गया है। लेकिन मास्टर प्लान में सभी कोयला भंडारों में खनन की तैयारी शामिल है। इसके लिए वार्ड क्रमांक 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और 10 में कुल 1,485 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। परिणामस्वरूप, 20,000 घर ध्वस्त कर दिए जाएंगे।