मध्यप्रदेश की लाखों महिलाओं के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान लौटने वाली है, क्योंकि राज्य सरकार की लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना की 23वीं किस्त जल्द ही जारी होने जा रही है। आमतौर पर यह राशि हर महीने की 10 तारीख को मिलती है, लेकिन इस बार 16 अप्रैल को बहनों के खाते में 1250 रुपए की किस्त ट्रांसफर की जाएगी।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस बार मंडला जिले के ग्राम टिकरवारा से एक क्लिक में इस राशि को महिलाओं के खातों में भेजेंगे। इस अवसर पर दो अन्य योजनाओं की राशि भी महिलाओं को दी जाएगी, जिनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन और गैस सिलेंडर सब्सिडी शामिल है।
अब तक बांटे गए 33 हजार करोड़ रुपए
इस योजना के माध्यम से अब तक 33,000 करोड़ रुपए की राशि महिलाओं को दी जा चुकी है। साथ ही 56 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को 337 करोड़ और 25 लाख महिलाओं को गैस सिलेंडर हेतु 57 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। यह योजना महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम बन चुकी है।
कई महिलाएं हुईं योजना से बाहर
हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया कि 3 लाख 19 हजार 991 महिलाओं को 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर योजना से स्वतः बाहर कर दिया गया। इसके अलावा, 15,748 महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु के बाद हटाए गए। अगर किसी महिला की उम्र 60 साल से ऊपर है, तो वह अप्रैल महीने की किस्त पाने की पात्र नहीं होगी।
पात्रता की शर्तें
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ विशेष शर्तें रखी गई हैं:
- महिला की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए।
- महिला मध्यप्रदेश की मूल निवासी हो।
- महिला विवाहित, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता हो सकती है।
- कोई भी पारिवारिक सदस्य आयकरदाता न हो।
- परिवार के पास 5 एकड़ से कम भूमि होनी चाहिए।
कांग्रेस ने उठाया सवाल
इस बार किस्त में देरी को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए और इसे एक राजनीतिक मुद्दा भी बनाया। हालांकि सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए 16 अप्रैल को राशि ट्रांसफर करने का ऐलान कर दिया है।
नारी सशक्तिकरण की मिसाल
लाड़ली बहना योजना केवल एक वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि यह महिला स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह योजना प्रदेश की महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूती देती है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और पहचान भी दिला रही है।