79वां स्वतंत्रता दिवस: आज़ादी की कहानी, बलिदान और गर्व का गौरवमय सफर
79वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 से आज तक का गौरवशाली सफर, शहीदों के बलिदान और आज़ादी के महत्व की कहानी।

आज 15 अगस्त 2025 को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। तिरंगे की शान लहराते हुए हर भारतीय के दिल में आज़ादी का गर्व और शहीदों के बलिदान की याद ताज़ा हो जाती है।
भारत की आज़ादी का सफर आसान नहीं था। 200 से अधिक वर्षों तक अंग्रेज़ों की गुलामी झेलने के बाद, अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष, त्याग और बलिदान के बदले हमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के सपनों, दर्द और साहस का परिणाम है।
1947 से अब तक स्वतंत्रता दिवस की प्रमुख टाइमलाइन
1947 – 15 अगस्त को भारत स्वतंत्र हुआ, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से पहला भाषण दिया।
1950 – 26 जनवरी को भारत गणतंत्र बना, संविधान लागू हुआ।
1962 – चीन-भारत युद्ध के बाद स्वतंत्रता दिवस पर देश में सुरक्षा और एकता पर जोर।
1965 – पाकिस्तान के साथ युद्ध, स्वतंत्रता दिवस पर वीर जवानों को श्रद्धांजलि।
1971 – बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की जीत, स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी गर्व की लहर।
1975 – आपातकाल के दौर में स्वतंत्रता दिवस पर लोकतंत्र बचाने का संदेश।
1997 – आज़ादी के 50 साल पूरे, ‘स्वर्ण जयंती वर्ष’ भव्य रूप से मनाया गया।
2014 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला लाल किला भाषण, ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की घोषणा।
2019 – अनुच्छेद 370 हटाने के बाद का पहला स्वतंत्रता दिवस, विशेष महत्व के साथ मनाया गया।
2022 – ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 75वां स्वतंत्रता दिवस, पूरे देश में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान।
2025 – 79वां स्वतंत्रता दिवस, भारत नई तकनीक, अंतरिक्ष मिशन और आत्मनिर्भरता के नए युग में प्रवेश कर रहा है।
गौरव और जिम्मेदारी
79 वर्षों की आज़ादी में भारत ने विज्ञान, तकनीक, खेल, शिक्षा और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छुई हैं। लेकिन यह सफर अभी अधूरा है—आज़ादी का सही अर्थ तभी पूरा होगा, जब हर नागरिक समान अवसर, न्याय और सम्मान पाएगा।
आज, इस 79वें स्वतंत्रता दिवस पर हम सभी को अपने भीतर देशभक्ति की वही ऊर्जा जगानी चाहिए, जो हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता के लिए दिखाई थी। तिरंगे की शान और भारत की आन-बान को हमेशा ऊंचा रखने का संकल्प ही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।