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रीवा प्लेन क्रैश मामले में DGCA टीम का खुलासा हादसा या साजिश देखें पूरी ख़बर

रात में किसकी परमिशन से उड़ाया प्लेन ट्रेनी विमान हादसे की जांच करने पहुंची DGCA की टीम मिलीं कई खामियां 

रीवा में हुए ट्रेनी प्लेन क्रैश की जांच शुरू हो गई है। शनिवार को डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की तीन सदस्यीय टीम यहां पहुंची। टीम ने फाल्कन एविएशन एकेडमी के मैनेजर व ट्रेनी पायलट्स से सवाल-जवाब किए।

टीम ने पूछा कि रात में क्यों और किसकी परमिशन से प्लेन उड़ाया गया था? इसका जवाब ट्रेनिंग सेंटर के अफसर नहीं दे पाए। जांच के दौरान कई खामियां भी मिलीं। टीम ने घटनास्थल का भी निरीक्षण किया।

गुरुवार रात ऊमरी गांव में ट्रेनी एयरक्राफ्ट पेड़ से टकराकर मंदिर के गुंबद से टकरा गया था। हादसे में पटना के रहने वाले पायलट विमल कुमार (54) की मौत हो गई थी, वहीं राजस्थान के छात्र सोनू यादव (22) घायल हो गए थे। फाल्कन एविएशन एकेडमी के मैनेजर वत्सल रस्तोगी ने दैनिक भास्कर को बताया कि 6 जनवरी की देर शाम जांच के लिए DGCA मुंबई व दिल्ली की 3 सदस्यीय टीम आई है। जिसमें एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो से रामा चन्द्रन और मुंबई से वीरा राघवन शामिल थे।

वहीं, दिल्ली डीजीसीए के एफवाई कैप्टन श्रीराम भी थे। 7 जनवरी की सुबह 10 बजे टीम चोरहटा हवाई पट्टी से लगे उमरी गांव पहुंची। कैप्टन श्रीराम पायलट सीट के पास पहुंचे। यहां विमान का अल्टरनेटर बंद मिला।

मुंबई-दिल्ली बुलाकर अकेले में होंगे सवाल-जवाब 

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के अफसरों ने ट्रेनिंग सेंटर और विमान में मिली खामियों की जानकारी वरिष्ठ अफसरों को दे दी है। पता चला है कि फाल्कन एविएशन एकेडमी के लोग अफसरों के सवालों के जवाब नहीं दे सके।

अब सेंटर के अफसरों को मुंबई व दिल्ली बुलाकर जवाब-तलब किया जाएगा। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

ट्रेनिंग सेंटर पर लटकी तलवार 

DGCA के नियमों को जानने वालों ने कहा कि मौसम को देखते हुए घटना वाली रात शुरू से आखिर तक लापरवाही दिखी है। जब चीफ फ्लाइंग इंचार्ज (सीएफआई) विमल कुमार को रात 9 बजे मौसम खराब होने के कारण साथियों ने मना किया था, फिर भी वह नहीं माने।

DGCA ने इन बिंदुओं पर शुरू की जांच 

जब दो दिन से कोहरा था, तो क्यों ट्रेनी एयरक्राफ्ट उड़ाया?
कंपनी का प्रेशर था या छात्र का?
किसके कहने पर विमान उड़ाने की परमिशन मिली?
हादसाग्रस्त एयरक्राफ्ट का अल्टरनेटर बंद था।
पायलट ट्रेनिंग सेंटर से विपरीत मिली चोरहटा हवाई पट्टी।

ये मिली हवाई पट्टी में खामी 

चोरहटा हवाई पट्टी के चारों तरफ वॉच टावर नहीं।
हाई मास्क लाइटों का आभाव।
बाउंड्री वॉल की जगह चारों तरफ मिली तार बाड़ी।
व्यवस्था बनी नहीं पहले शुरू हो गई ट्रेनिंग।
सिग्नल की कमी।

चोरहटा हवाई पट्टी को नहीं मिली एयरलिफ्ट की परमिशन 

बता दें कि फाल्कन एविएशन एकेडमी घायल ट्रेनी पायलट सोनू यादव को एयरलिफ्ट कर जयपुर पहुंचाना चाह रही थी

लेकिन पायलट ट्रेनिंग सेंटर में दबी जुबान चर्चा रही कि चोरहटा हवाई पट्टी को एयरलिफ्ट की परमिशन नहीं मिली है। यहां कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम है। ऐसे में एविएशन अफसर दूसरा खतरा नहीं मोल ले सकते।

प्रयागराज से किया एयरलिफ्ट 

पायलट ट्रेनिंग सेंटर द्वारा घायल ट्रेनी पायलट को संजय गांधी स्मृति हॉस्पिटल से शाम 4 बजे विशेष एंबुलेंस से सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचाया गया। नेशनल हाईवे 30 के रास्ते सुरक्षित भेजने की व्यवस्था की गई। दावा है कि पहले छात्र को दिल्ली, फिर जयपुर भेजा जाएगा।

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