करिअरन्यूजरीवा

काशी,उज्जैन के बाद रीवा में यहां? बनेगा संस्कृत महाविद्यालय मिल गई मंजूरी जल्द बनकर होगा तैयार

 

 

 

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कलेक्ट्रेट के मोहन सभा घर में अधिकारियों के साथ संभागीय समीक्षा बैठक ली बैठक में रीवा संभाग के बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे बैठक के दौरान राजेंद्र शुक्ल ने कानून व्यवस्था और विकास कार्यों के संबंध में समीक्षा की आपको बता दे रीवा जिले को जल्द ही एक संस्कृत महाविद्यालय की सौगात मिलने वाली है कई दिनों से चर्चा हो रही है वहीं उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी इसकी चर्चा की है लिए हम आपको बताते हैं उससे जुड़ी पूरी जानकारी।

रीवा में संस्कृत शिक्षा का इतिहास 

रीवा में बस 1845 में संस्कृत विद्यालय की स्थापना तत्कालीन बघेल शासक ने करवाया था जिसे 1955 में महाविद्यालय का स्वरूप मिला और इसका नाम वेंकट संस्कृत विद्यालय रख दिया गया अभी तक यह कॉलेज पाणिनि विश्वविद्यालय उज्जैन से संबंध है बिना में संस्कृत की पढ़ाई का क्रेज इस बात से समझा जा सकता है कि आज भी बिना क्षेत्र में एवं उसके आसपास के क्षेत्र में 14 संस्कृत महाविद्यालय एवं 54 संस्कृत विद्यालय मौजूद है वैसे मैं रीवा जिले को जल्द ही एक संस्कृत विद्यालय मिल सकती है इसमें हजारों छात्र अध्ययन करेंगे।

संस्कृत शिक्षा का बड़ा केंद्र बनेगा रीवा 

रीवा में शिक्षा के क्षेत्र में अपार संभावना है यहां का गवर्नमेंट इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज पूरे देश में पढ़ाई के लिए मशहूर हैं कृषि महाविद्यालय और पत्रकारिता से जुड़े हुए विश्वविद्यालय यहां पहले से मौजूद हैं यह संस्कृत विद्यालय बन जाने से रीवा एजुकेशन हब बनाकर उभरेगा पूरे देश से लोग यहां पढ़ने के लिए आएंगे संस्कृत की पढ़ाई के लिए रीवा काशी उज्जैन के बाद तीसरा शहर होगा मध्य प्रदेश शाहिद उत्तर भारत के लिए यही एक एजुकेशन हब बनेगा।

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