मध्यप्रदेश
हाई कोर्ट का बड़ा फैसला! अब पुलिस बैंड में शामिल से पहले लेनी होगी आरक्षक की सहमति
मप्र हाई कोर्ट की जबलपुर खंडपीठ के जस्टिस विवेक जैन की एकल पीठ ने एक महत्वपूर्ण राहत भरे आदेश में कहा कि मप्र पुलिस बैंड में कांस्टेबलों को लिखित सहमति पर शामिल किया जाए। अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि जो लोग सहमति नहीं देते हैं उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध मनमाने आदेश जारी करके पुलिस बैंड प्रशिक्षण के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
एमपी पुलिस के कुछ सिपाहियों को पुलिस बैंड में शामिल होने के लिए डमी बैच के तौर पर ट्रेनिंग लेने का आदेश दिया गया था। जिसके खिलाफ मंदसौर, मऊगंज और पांढुर्णा के एक दर्जन आरक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जहां सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ के समक्ष पारित आदेश के आलोक में याचिकाकर्ताओं को राहत दी गयी।