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5 लाख लाडली बहने योजना से अपात्र,अब नहीं मिलेगा लाभ,जानिए क्या है वजह पढ़िए पूरी खबर!

5 lakh Ladli Bahan are ineligible for the scheme, now they will not get the benefit, know the reason, read the full news!

Maharashtra Ladli Behna Yojana: महाराष्ट्र सरकार ने लाडकी बहन योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 5 लाख महिलाओं को अयोग्य घोषित कर दिया है। जनवरी 2025 से इन महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिलेगा, हालांकि उनके खातों में पहले जमा हुए 450 करोड़ रुपये की राशि वापस नहीं ली जाएगी। यह फैसला योजना के मानदंडों को और सख्त बनाने और वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।

किन महिलाओं को किया गया अयोग्य घोषित?

राज्य सरकार ने पाया कि कई महिलाएं पहले से ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रही थीं या योजना के तय मानकों पर खरी नहीं उतर रही थीं। सरकार के अनुसार, अयोग्य घोषित की गई महिलाओं की प्रमुख श्रेणियां इस प्रकार हैं।

1. 2.30 लाख महिलाएं – संजय गांधी निराधार योजना से पहले से लाभान्वित थीं।

2. 1.10 लाख महिलाएं – 65 वर्ष से अधिक आयु की थीं।

3. 1.60 लाख महिलाएं – चारपहिया वाहन की मालिक थीं या अन्य सरकारी योजनाओं से सहायता प्राप्त कर रही थीं।

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सरकार की मंशा और आर्थिक प्रबंधन

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 के बीच इन महिलाओं के खातों में जमा हुई राशि को वापस नहीं लिया जाएगा। लेकिन जनवरी 2025 से उन्हें इस योजना के तहत कोई भी वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 2024-25 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी। सरकार ने इसके लिए 46,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था। लेकिन आगामी विधानसभा चुनावों और राज्य के वित्तीय घाटे को ध्यान में रखते हुए सरकार अब यह सुनिश्चित कर रही है कि केवल पात्र महिलाओं को ही इसका लाभ मिले।

लाडकी बहन योजना के लिए पात्रता मानदंड

इस योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जो इन शर्तों को पूरा करती हैं

  • आयु सीमा: 65 वर्ष से कम
  • परिवार की वार्षिक आय: 2.5 लाख रुपये से कम
  • कोई सरकारी नौकरी नहीं होनी चाहिए
  • चारपहिया वाहन का स्वामित्व नहीं होना चाहिए
  • किसी अन्य सरकारी योजना से मासिक सहायता प्राप्त नहीं कर रही हों

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योजनाओं के दुरुपयोग पर सख्ती

सरकार अब इस बात को सुनिश्चित करने में लगी है कि कोई भी अपात्र महिला इस योजना का अनुचित लाभ न उठा सके। यह कदम वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला राज्य की आर्थिक स्थिति को संतुलित करने और वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। हालांकि, चुनावी माहौल में इस निर्णय को लेकर राजनीतिक चर्चाएं भी तेज हो सकती हैं। अब देखना यह होगा कि इस योजना के बदलावों का असर कितनी दूर तक जाता है।

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