प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है कोयला का अवैध परिवहन एवं भंडारण सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं का है संरक्षण

सीधी। सीधी जिले में इन दिनों अवैध रूप से कोयले का परिवहन एवं भंडारण का खेल तेजी के साथ चल रहा है वह भी एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों तादाद की गाड़ियों में। इससे उड़ने वाले धूल की वजह से स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं का है संरक्षण:- ऐसा नहीं है कि इस अवैध रूप से कोयले के भंडारण एवं परिवहन के संबंध में सत्ता पक के नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है उन्हें जानकारी भी है और उन्हीं की सह पर यह पूरा खेल भी चल रहा है।
कहीं पर भी नहीं लगा है बोर्ड: – किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उस कार्य के संबंध में एक बोर्ड लगाकर जानकारी दी जाती है कि यह किस संबंध में कार्य किया जा रहा है कितनी लागत से किया जा रहा है और कब से कब तक किया जाएगा परंतु वहां पर ऐसा किसी भी प्रकार का बोर्ड दिखाई नहीं देता है जिससे यह स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है कि इसमें खादी का हाथ बड़े स्तर से लगा हुआ है।
खनिज एवं राजस्व विभाग तथा पुलिस की नहीं है कार्यवाही करने की हिम्मत:- इस अवैध रूप से हो रहे कोयले के भंडारण एवं परिवहन को लेकर ना तो खनिज विभाग और ना ही राजस्व विभाग और ना ही पुलिस कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा रहा है क्योंकि इस अवैध कार्य में सभी की संलिप्तता है।
झाड़ियों के पीछे किया जा रहा है कारोबार: – कहने को तो यह अवैध कारोबार सड़क के किनारे हो रहा है परंतु ग्राउंड जीरो पर देखा जाए तो यह झाड़ियों के पीछे काफी फल-फूल रहा है वही हमारे द्वारा जब ग्राउंड जीरो पर जाकर देखा गया तो वहां पर पाया गया कि जेसीबी मशीन एवं कई बड़े वाहनों के माध्यम से परिवहन एवं भंडारण का कार्य किया जा रहा है।
बड़े-बड़े शहरों के लिए होता है विक्रय: – कार्य कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि इस कोयला का व्यापार कटनी जबलपुर प्रयागराज बनारस सहित बड़े-बड़े शहरों में किया जाता है वही हमारे सवाल पर बताया गया कि बड़े-बड़े ईट भट्टे संचालक और ऐसे ही कार्य करने वाले लोगों को कोयला बिक्री किया जाता है। वही यह बताने से मना कर दिए कि यह कोयला कहां से आता है।
सरकार को हो रहा करोड़ों का नुकसान: – कोयला जहां से निकलता है और जब उठता है तो अपने गंतव्य स्थान के लिए ही जाना चाहिए परंतु बीच में इस कोयले का अवैध रूप से क्रय विक्रय किया जा रहा है जिसकी वजह से सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है।
इनका कहना है:-
कोयले के भंडारण के लिए अनुमति प्रदान की गई है। वहां पर 1 कोयले का भंडारण एवं परिवहन के लिए अनुमति दी गई है। संस्था का नाम मैं अभी नहीं बता पाऊंगी क्योंकि मैं बाहर हूं। और कहां भंडारण हो रहा है यह मुझे जानकारी नहीं है। दिखवा कर बताती हूं।
माला त्रिपाठी, खनिज अधिकारी सीधी