मध्य प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर आगे बढ़ाने के लिए शुरू की गई लाड़ली बहना योजना अब हज़ारों महिलाओं के लिए चिंता का कारण बन गई है। सतना और मैहर जिलों की करीब 11,000 महिलाएं इस योजना से बाहर हो चुकी हैं, जिससे उनमें निराशा और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है।
क्यों छूटी इन महिलाओं के हाथ से योजना
सरकार ने 28 जनवरी 2023 को इस योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत 23 से 60 वर्ष की उम्र की महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं। लेकिन जैसे ही कोई लाभार्थी महिला 60 वर्ष की उम्र पार करती है, वह इस योजना से स्वतः बाहर हो जाती है। यही नियम अब सतना और मैहर की हज़ारों महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
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60 की उम्र – अब नहीं है योजना की सहारा
महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी सौरभ सिंह के मुताबिक, सतना और मैहर जिलों में कुल 3.78 लाख महिलाएं इस योजना से जुड़ी थीं। लेकिन अब तक करीब 9,000 महिलाएं उम्र सीमा पूरी होने की वजह से योजना से बाहर हो गई हैं। इसके साथ ही लगभग 2,000 महिलाओं ने व्यक्तिगत कारणों से योजना का लाभ लेना बंद कर दिया है।
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क्या है आगे का रास्ता
अब सवाल यह उठता है कि 60 वर्ष की उम्र पार कर चुकी इन महिलाओं को भविष्य में क्या किसी अन्य योजना से सहायता मिलेगी? क्या सरकार इस उम्र सीमा को बढ़ाने पर विचार करेगी? यह एक अहम सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है, क्योंकि वृद्धावस्था में आर्थिक सहारा सबसे अधिक आवश्यक होता है।