जिले में मानसून दस्तक दे चुका है, लेकिन अभी भी कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जो जर्जर हालत में हैं और बच्चों की जान के लिए खतरा बन चुके हैं। लगातार बारिश के बीच स्कूल भवनों की कमजोर स्थिति बड़े हादसों को न्यौता दे सकती है। इसी को लेकर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
कलेक्टर ने डीईओ, डीपीसी समेत सभी बीईओ और बीआरसी को तीन दिन के भीतर जिले के सभी स्कूल भवनों की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि किसी जर्जर भवन में कोई दुर्घटना होती है, तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार माने जाएंगे और उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
71 जर्जर भवन, सात दिन में गिराने के निर्देश
जिले में अब तक 71 स्कूल भवनों को जर्जर की श्रेणी में चिह्नित किया गया है। कलेक्टर ने ऐसे सभी स्कूलों को वैकल्पिक स्थानों पर तुरंत स्थानांतरित करने और सात दिनों के भीतर खतरनाक भवनों को गिराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
पिछले साल की घटना बनी सबक
गौरतलब है कि पिछले वर्ष रीवा में स्कूल के पास की दीवार गिरने से चार मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। यह हादसा बच्चों के स्कूल से घर लौटते समय हुआ था। उस दर्दनाक घटना से सबक लेते हुए इस बार प्रशासन पहले से अलर्ट मोड में है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।