मप्र, राजस्थान और यूपी के 21 जिलों में बनेगा ‘चीता लैंडस्केप’
Kuno National Park : आने वाले वर्षों में चीतों को अन्य क्षेत्रों में बसाया जाएगा। इसके तहत रविवार को कूनो नेशनल पार्क में तीन राज्यों के वन अधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अधिकारी शामिल हुए। वन अधिकारियों ने तेंदुए के बाड़े का दौरा किया। साथ ही परियोजना निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने पालपुर स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में चीता प्रबंधन पर एक प्रेजेंटेशन दिया।
कहा गया कि तीन राज्यों के 21 जिलों (एमपी में 10, राजस्थान में 9 और यूपी में 2) में चीता लैंडस्केप बनाए जाएंगे, ताकि चीते एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्वतंत्र रूप से घूम सकें। निगरानी संबंधित वन विभाग, अभयारण्य या राष्ट्रीय उद्यान टीम द्वारा की जानी चाहिए। इस तरह कूनो की टीम को तेंदुओं की तलाश में दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा।
यह भी कहा गया कि संबंधित विभाग अपने वन क्षेत्रों में तेंदुओं के लिए भोजन की उपलब्धता का आकलन कर लें, ताकि तेंदुए आने पर उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। कार्यशाला में कुनो के अधिकारियों ने चीता प्रबंधन की जटिलताओं और चीता के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के प्रयासों के बारे में बताया। वहीं, गर्मियों के दौरान चीतों और शावकों को बचाने के लिए भी आविष्कार किए जाने की बात कही जा रही है।
इस क्षेत्र पर ध्यान दें
पिछले दो साल में कई बार तेंदुए कूनो सीमा से भागकर दूसरे जिलों में पहुंच चुके हैं। निकट भविष्य में मंदसौर के गांधीसागर में तेंदुए लाए जाएंगे। इसी कारण कूनो और गांधीसागर के आसपास के जंगलों और अभयारण्यों पर नजर पड़ी है।
कार्यशाला के पहले दिन पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ मध्य प्रदेश वीएन अंबाड, राजस्थान के पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ पवन उपाध्याय, ग्वालियर-चंबल के सभी संभागों के डीएफओ, उज्जैन, मंदसौर, गांधीसागर के अधिकारी, एनटीसीए के आईजी, एआईजी, राजस्थान के पांच वन अधिकारी और यूपी के दो अधिकारी मौजूद थे।