दूध बेचकर चलता है मुख्यमंत्री का घर: मोहन यादव का पशुपालन से गहरा जुड़ाव
भोपाल सम्मेलन में किया खुलासा, कहा- दुग्ध उत्पादन ही है मेरी आमदनी का आधार,CM ने बताया- घर का खर्च भी गाय के दूध की बिक्री से चलता है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद यह खुलासा किया है कि उनके घर का खर्च दूध बिक्री से चलता है। उन्होंने बताया कि उनकी आय का मुख्य स्रोत दुग्ध उत्पादन है। यह बात उन्होंने भोपाल में हुए सहकारी सम्मेलन में कही, जहाँ उन्होंने पशुपालन और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
इस बयान से साफ है कि सीएम मोहन यादव खुद भी पशुपालन से जुड़े हुए हैं और इसके महत्व को व्यक्तिगत रूप से समझते हैं। इसी वजह से वे प्रदेश में गाय का दूध खरीदे जाने, कामधेनु योजना, और दुग्ध सहकारी समितियों जैसी योजनाओं के माध्यम से पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
₹6500 से कम में मिल रहे ये 3 जबरदस्त स्मार्टफोन – दमदार कैमरा और बैटरी के साथ स्टाइलिश डिज़ाइन!
भोपाल में रविवार को आयोजित राज्यस्तरीय सहकारी सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में मध्यप्रदेश को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और राज्य सरकार के बीच एक अहम समझौता हुआ, जिसके तहत प्रदेश में दूध संकलन और विपणन को बढ़ावा देने के लिए 5500 से अधिक नई सहकारी समितियाँ बनाई जाएंगी।
NDDB के चेयरमैन निमेष शाह ने जानकारी दी कि सहकारी संस्थाओं के माध्यम से दूध संकलन को वर्तमान 12 लाख लीटर से बढ़ाकर 24 लाख लीटर प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा प्रदेश के डेयरी प्लांट की क्षमता भी 18 लाख लीटर से बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन की जाएगी। उन्होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया को डिजिटाइज किया जाएगा और मौजूदा संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार अब सीधे गाय का दूध खरीदेगी ताकि पशुपालकों को उचित लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी साझा किया कि उनके घर की आमदनी भी दुग्ध व्यवसाय से ही होती है, जिससे यह साफ होता है कि दूध उत्पादन केवल व्यवसाय नहीं बल्कि आजीविका का सशक्त माध्यम भी है।
एमपी बोर्ड रिजल्ट 2025: जल्द जारी होंगे 10वीं और 12वीं के नतीजे, जानें पूरा अपडेट
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 14 अप्रैल को राज्य में ‘कामधेनु पशुपालन योजना’ की शुरुआत की जाएगी। इस योजना के तहत पशुपालन को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनुदान दिया जाएगा।
प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि पैक्स को एम-पैक्स में बदलने की दिशा में जो पहल की गई है, वह देशभर के लिए एक मॉडल बन सकती है। वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि NDDB के साथ हुए इस अनुबंध से मध्यप्रदेश के दुग्ध संघ को एक नई ताकत मिली है।
यह नई पहल न केवल किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि प्रदेश को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगी।