Singrauli Mid Day Meal: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में बच्चों के भविष्य और सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है। स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से एक बार फिर बच्चों की जान खतरे में पड़ गई है। सिंगरौली जिले के देवसर थाना क्षेत्र स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोकलीटोला (सिंगरौली शासकीय विद्यालय) के मध्याह्न भोजन में कीड़े मिले।
पिछली घटनाओं से कोई सबक नहीं है
लापरवाही का आलम यह है कि पिपरा झांपी स्कूल की घटना के बाद भी प्रशासन ने सावधानी बरतना मुनासिब नहीं समझा। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति गैरजिम्मेदाराना रवैये का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ सकता है।
इस घटना के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की और न ही भोजन वितरण प्रक्रिया में सुधार किया। बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ का जिम्मेदार कौन?
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में, देवसर विधानसभा के कोकलीटोला प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को परोसे गए भोजन में कीड़े पाए गए। यह पहली बार नहीं है, जब खाने में कीड़े मिलने की शिकायत आई हो।
ग्रामीणों की शिकायत मिड-डे मील प्रतिदिन नहीं बनता
ग्रामीणों की शिकायत है कि स्कूलों में मिड-डे मील प्रतिदिन नहीं बनता है और जब बनता है तो उसकी गुणवत्ता खराब होती है। कई बार बच्चों ने खाने में गंदगी और कीड़े मिलने की शिकायत की है। इसके चलते अब बच्चे और उनके परिजन दोपहर के भोजन को लेकर घबराने लगे हैं।
ऐसा खाना खाने से बच्चे बीमार
परिजनों का कहना है कि ऐसा खाना खाने से बच्चे बीमार हो जाते हैं। जब हम जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करते हैं तो वे भी हमारी बात नहीं सुनते हैं। आए दिन सोशल मीडिया और अखबारों में मिड-डे मील की गुणवत्ता को लेकर खबरें आती रहती हैं।
पिछले दिनों एक स्कूल के करीब आधा दर्जन बच्चे और एक शिक्षक बीमार पड़ गये थे। हालांकि, जिला प्रशासन ने किसी अन्य बीमारी का हवाला देते हुए फूड प्वाइजनिंग से इनकार किया है। जिले के जन प्रतिनिधि और अधिकारी जिले में मध्याह्न भोजन की सुध कब लेंगे यह अपने आप में बड़ा सवाल है।