CM मोहन और शिवराज का बड़ा फैसला इन लाडली बहनों को नहीं मिलेगी 8वी किस्त देखें अपना नाम
CM मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान नींद बड़ा फैशन लिया है लाडली बहनों के लिए अभी है जरूरी खबर 30 जनवरी को आने वाली आठवीं किस्त इन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाडली बहन योजना से 27000 से अधिक बहने अपात्र हो चुकी है पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई लाडली बहन योजना लगभग 9 महीने हो गई है 10 जून 2023 कोई योजना की शुरुआत शिवराज सिंह चौहान ने की थी।
आगामी 10 जनवरी को आठवीं कि महिलाओं के खाते में आएगी आपको बता दें योजना की किसी को ₹3000 तक बढ़ाने के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ऐसी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।
लाडली बहनों को किसकी राशि ₹3000 प्राप्त करने के लिए अभी इंतजार करना होगा आपको बता दें योजना की 9 महीने के अंदर एल में इस योजना से कुछ महिलाएं अपात्र भी हो गई हैं जिनको आठवीं किस्त का लाभ नहीं दिया जाएगा इस योजना से उनको बाहर रखा जाएगा।
इन बहनों को योजना से हटाया जायेगा
योजना में कुछ ऐसी बहनों के नाम कम हुए हैं जिन्होंने योजना के नियमों को पूरा नहीं करने पर लाभ प्रत्यय का फॉर्म भरकर योजना का लाभ ले रही है उन्हें भविष्य में लाडली बहना योजना में लाभ नहीं मिलेगा लाडली बहना योजना 8बी किस्त से पहले महिला एवम बाल विकास विभाग के द्वारा एक आदेश जारी कर योजना मैं पात्र बहनों की सूची मांगी हैं।
जानें इस अपात्रता का क्या कारण है?
मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना को आरंभ करने का राज्य सरकार का प्रमुख उद्देश्य यही था कि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए क्योंकि इस योजना में अनेक महिलाएं ऐसी हैं जो इस योजना के लिए पत्र नहीं है उन बहनों को इस योजना से परित्याग करना होगा इसके अलावा भी कुछ मैंने ऐसी है जो धोखाधड़ी करी सी योजना का लाभ ले रहे हैं उन सभी महिलाओं को जांच के बाद लॉटरी महिला योजना से हटाया जा रहा है इसके बाद योजना में पात्र हितग्राही की संख्या में काफी कमी देखने को मिल रही है सिर्फ इन्हीं को लाभ मिलेगा।
लाडली बहना योजना 27 हजार से अधिक बहनें अपात्र
लाडली बहना योजना में प्राप्त कुल आवेदकों की संख्या 1,25,33,147 है जिसमें कुल पत्र बहनों की संख्या 1,25,05,947 है यह जानकारी आप लाडली बहना योजना के आधिकारिक पोर्टल से भी देख सकते हैं साथी 27198 ऐसी बहनें हैं जिनके नाम योजना के लिए सही दस्तावेज या सरवर की वजह से काटे गए हैं।
अनचाहे बच्चे को झाड़ियों में फेंके नहीं, “पालन गृह” में छोड़ जाएं !
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