MP News: बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने सख्त कार्रवाई की है। इस कार्रवाई की पूरे जिले में चर्चा हो रही है। उन्होंने रिश्वतखोरी के एक मामले में एक भ्रष्ट कर्मचारी को पदावनत कर दिया है। अब कर्मचारी मोहरा बन गया है। आरोपी बाबू ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। जब इसकी शिकायत कलेक्टर भव्या मित्तल तक पहुंची तो उन्होंने यह सख्त कार्रवाई की। इस संबंध में कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिया है।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, कर संग्रहकर्ता भव्या मित्तल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत खकनार परियोजना कार्यालय के सहायक ग्रेड 3 सुभाष काकड़े को दोषी पाया। इसके बाद उन्हें पदावनत कर चपरासी बना दिया गया। बुरहानपुर राजस्व कलेक्टर मित्तल ने यह कार्रवाई मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम, 1966 के नियम 10 में प्रावधानित वृहद दण्ड (भारी दण्ड) के तहत की।
10,000 रुपये की रिश्वत मांगी
उल्लेखनीय है कि संबंधित तृतीय श्रेणी परिचारक सुभाष काकड़े ने आंगनवाड़ी परिचारिका के पद पर भर्ती के लिए पैसों की मांग की थी। शिकायत की गंभीरता और प्राप्त विभागीय रिपोर्ट के कारण सुभाष काकड़े को जुलाई 2024 माह में निलंबित किया गया। कलेक्टर के आदेशानुसार मामले की विभागीय जांच करने के संबंध में नोटिस पत्र जारी किया गया आरोपों की जांच कर आधार कार्ड बनवाया गया तथा विभागीय जांच अधिकारी, अतिरिक्त कलेक्टर तथा महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को नियुक्त कर जांच रिपोर्ट मांगी गई।
सुनवाई के बाद निर्णय
वहीं विभागीय जांच अधिकारी ने निलंबित तृतीय श्रेणी सहायक सुभाष काकड़े को भी जांच में पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर दिया। इस पर सुनवाई भी हुई। सुनवाई के दौरान सुभाष काकड़े ने संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया। विभागीय जांच अधिकारी के समक्ष जांच के दौरान प्रतिपरीक्षण में यह सिद्ध हुआ कि सुभाष काकड़े द्वारा यह कृत्य म.प्र. में अपने पद का दुरूपयोग करते हुए किया गया था। यह सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम 13 एवं 14 का स्पष्ट उल्लंघन है तथा वित्तीय शोषण की श्रेणी में आता है।
पदावनत कर दिया गया
जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की गई। जारी आदेश के अनुसार कार्यालय परियोजना अधिकारी नेपानगर के रिक्त पद पर सुभाष काकड़े की नियुक्ति की जाती है।