रीवा ज़िले के शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भृत्य पद पर की गई कुछ अनुकंपा नियुक्तियों की गहन जांच के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल, बृजेश कुमार कोल द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे अनुकंपा नियुक्ति पाने की शिकायत के बाद 14 मार्च 2025 से 31 मई 2025 तक की गई सभी अनुकंपा नियुक्तियों की समीक्षा की गई।
जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता के मुताबिक, तीन सदस्यीय जांच समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें पाँच नियुक्तियाँ पूरी तरह फर्जी और कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर की गई पाई गईं। जांच में यह सामने आया कि नियुक्ति के लिए प्रस्तुत किए गए दस्तावेज जैसे कि मृतक कर्मचारी की यूनिक आईडी, मृत्यु प्रमाण पत्र और प्राचार्य की अनुशंसा आदि नकली थे।
इन गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए संबंधित पाँच भृत्यों के नियुक्ति आदेश 13 जून 2025 को रद्द कर दिए गए। जिनकी नियुक्तियाँ निरस्त की गई हैं, उनमें शामिल हैं:
विनय कुमार रावत, ग्राम बरौं, तहसील सेमरिया — शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, तिघरा
हीरामणि रावत, ग्राम जोड़ौरी — शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, बीड़ा
सुषमा कोल, ग्राम सोहागी — शासकीय उत्कृष्ट उमावि, गंगेव
ऊषा देवी, ग्राम चंदेला — शासकीय उमावि, अटरिया
ओप्रकाश कोल, ग्राम खुंथी — शासकीय उमावि, अटरिया
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि ऐसे मामलों में अब सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में सभी नियुक्तियों की गहन जांच के बाद ही आदेश जारी होंगे। यह कदम सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।