रीवा के संजय गांधी अस्पताल में रविवार-सोमवार की रात एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल के ही तीन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने ईएनटी विभाग और किचन के बीच बने एक सुनसान गलियारे में इस वारदात को अंजाम दिया।
हालांकि अब तक पीड़िता ने खुद पुलिस के सामने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन रीवा के एसपी विवेक सिंह ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी अपुष्ट स्रोतों से मिली है और पुलिस पीड़िता तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
पीड़िता के पिता का बयान: बेटी के साथ हुआ गलत, महेंद्र को हो सख्त सजा
इस मामले में पीड़िता के पिता ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा, “मेरी बेटी के साथ गलत हुआ है। आरोपी महेंद्र तिवारी की गिरफ्तारी हो और उसे जेल भेजा जाए।” उन्होंने प्रशासन को ललकारते हुए कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती तो आरोपियों को उनके हवाले कर दे।
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया: घटना की पुष्टि, साक्ष्य सौंपे
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि लड़की अपनी मां के इलाज के लिए अस्पताल आई थी और गायनी वार्ड में भर्ती थी। हालत बिगड़ने पर उसका इलाज किया गया, लेकिन बाद में वह अस्पताल से कहीं चली गई।
उन्होंने बताया कि इस मामले में 2 लोगों के शामिल होने की सूचना मिली है और पुलिस को CCTV फुटेज व अन्य साक्ष्य सौंप दिए गए हैं। डॉ. मिश्रा ने यह भी कहा कि लड़की की मां ईएनटी वार्ड में भर्ती थी और पीड़िता उसके साथ अटेंडर के तौर पर मौजूद थी।
CCTV फुटेज में दिखा आरोपियों का चेहरा
घटना के संबंध में एक CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें आरोपियों को स्ट्रेचर पर पीड़िता को ले जाते हुए देखा गया। दावा किया जा रहा है कि वारदात के बाद आरोपी उसे अस्पताल के एक दूसरे विभाग के सामने छोड़कर फरार हो गए।
राजनीतिक घमासान: विपक्ष का सरकार पर हमला
मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के गृह जिले में हुई है और आरोपियों को संरक्षण देने की कोशिश हो रही है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मुख्यमंत्री जी, क्या यहां भी आपकी ‘लाड़ली बहना’ को इंसाफ नहीं मिलेगा? क्या आरोपी आपके मंत्री के भांजे द्वारा बचाए जाएंगे।