रीवा जिले में गुरुवार को पंचायत और ग्रामीण विकास से जुड़े मुद्दों पर ज़बरदस्त टकराव देखने को मिला। जिला योजना समिति की बैठक के दौरान जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी, प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल से सीधे भिड़ गए।
त्रिपाठी बैठक में शामिल नहीं किए जाने से आक्रोशित थे। वे बैठक के बाहर ज़मीन पर बैठकर अंत तक इंतज़ार करते रहे और बैठक खत्म होते ही मंत्री का रास्ता रोककर उनसे पुराने वादों को याद दिलाया।
त्रिपाठी ने तीखे शब्दों में कहा कि रीवा में विकास केवल कागज़ों पर हो रहा है, ज़मीनी स्तर पर हालात बेहद खराब हैं। शौचालय निर्माण हो या सड़कें – हर योजना अधूरी और भ्रष्टाचार से घिरी हुई नजर आती है। अधिकारियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिला योजना समिति की बैठक बिना उचित प्रक्रिया के हो रही है। ना तो योजना मंडल का गठन हुआ, ना ही जनप्रतिनिधियों को सही ढंग से शामिल किया गया।
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इस पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने जवाब में कहा कि यदि किसी के पास ठोस प्रमाण हैं तो सरकार कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी। पारदर्शिता और जवाबदेही सरकार की प्राथमिकता है, और जहां ज़रूरत हो, वहां सुधार जरूर होंगे।
बैठक में यह भी बताया गया कि रीवा में 23,000 नए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं और पेयजल संकट से निपटने की रणनीति बनाई जा रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक गांवों को चिन्हित किया गया है, जहां पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सुरक्षा के लिहाज़ से पुलिस बल तैनात रहा और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ने स्थिति संभालने की कोशिश की।
इस मामले पर जनता की राय बंटी हुई है – कुछ लोग त्रिपाठी के आरोपों को सही मान रहे हैं तो कुछ इसे राजनीतिक नौटंकी करार दे रहे हैं।