सीधी

सोन घड़ियाल अभ्यारण में जीवन की लहर: पांच मादाओं ने दिए 132 नवजात घड़ियाल

सीधी सोन घड़ियाल अभ्यारण में संरक्षण की मिसाल कायम, पहली बार पांच मादाओं से 132 घड़ियाल शिशुओं का जन्म, जैव विविधता को मिला नया जीवन।

सीधी जिले के जोगदह स्थित सोन घड़ियाल अभ्यारण ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उपलब्धि हासिल की है। पहली बार यहां एक साथ 132 घड़ियाल शिशुओं का जन्म हुआ है, जो कि अभ्यारण के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। ये सभी बच्चे पांच मादा घड़ियालों से जन्मे हैं, जो इस संरक्षित क्षेत्र में जैव विविधता और प्राकृतिक जीवनचक्र की सफलता का प्रतीक हैं।

संघर्ष से सफलता तक का सफर

1981 में स्थापित इस अभ्यारण की शुरुआत मगरमच्छों और घड़ियालों को बसाकर की गई थी। वर्ष 2021 में दो नर घड़ियालों की मृत्यु से प्रजनन प्रक्रिया बाधित हो गई थी, जिससे संरक्षण प्रयासों पर संकट मंडराने लगा था। लेकिन चंबल से लाए गए एक स्वस्थ नर घड़ियाल की मौजूदगी ने फिर से उम्मीद की किरण जगा दी और अब यह प्रयास रंग लाया है।

सिर्फ 2% बच्चों की होती है प्राकृतिक रूप से जीवित रहने की संभावना

हालांकि यह सफलता बहुत बड़ी है, परंतु घड़ियाल संरक्षण की राह अब भी चुनौतियों से भरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जन्म लेने वाले घड़ियाल शिशुओं में से केवल दो प्रतिशत ही प्राकृतिक वातावरण में जीवित रह पाते हैं। फिलहाल अभ्यारण में हैचरी की सुविधा नहीं है, लेकिन इसके निर्माण की योजना बनाई जा रही है ताकि नवजातों की बेहतर देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

अभ्यारण में जीवंत जैव विविधता

वर्तमान में इस अभ्यारण में 38 वयस्क घड़ियाल, 74 मगरमच्छ, 41 स्कीमर पक्षी और 49 अलग-अलग प्रजातियों के कुल 4015 पक्षी निवास कर रहे हैं। चूंकि नवजात घड़ियालों की लिंग पहचान कम उम्र में करना कठिन होता है, इसलिए उन्हें फिलहाल गणना में शामिल नहीं किया गया है।

समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button