मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर महिलाओं के पहनावे को लेकर दिए गए बयान को लेकर चर्चा में हैं। इंदौर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पश्चिमी संस्कृति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विदेशों में कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं को सुंदर माना जाता है, लेकिन वे खुद इस सोच से सहमत नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “मेरे अनुसार, महिला देवी का स्वरूप है और उसे अच्छे वस्त्र पहनने चाहिए। मुझे कम कपड़े पहनने वाली लड़कियां अच्छी नहीं लगतीं। कई बार सेल्फी के लिए आती हैं, तो मैं कह देता हूं कि अच्छे कपड़े पहनकर आओ, तभी फोटो लेंगे।
इस बयान के दौरान विजयवर्गीय ने नेताओं के भाषण की तुलना भी महिलाओं के पहनावे से करते हुए कहा कि जैसे वहां कम कपड़े को सुंदरता से जोड़ा जाता है, वैसे ही कम बोलने वाले नेता को भी अच्छा कहा जाता है। लेकिन उन्होंने इस सोच को नकारते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में सुंदरता अच्छे पहनावे और संस्कारों से आती है।
यह पहली बार नहीं है जब कैलाश विजयवर्गीय इस तरह के बयान को लेकर विवादों में घिरे हों। दो साल पहले इंदौर में हनुमान जयंती के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “आजकल लड़कियां इतने गंदे कपड़े पहनती हैं कि उनमें देवी का स्वरूप नहीं दिखता, बल्कि शूर्पणखा जैसी लगती हैं। भगवान ने सुंदर शरीर दिया है, तो अच्छा कपड़ा पहनना चाहिए।
उनकी इन टिप्पणियों पर पहले भी महिला संगठनों और विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और अब फिर से उनके इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।