Hybrid Solar Eclipse : इस साल पहला हाईब्रिड सूर्य ग्रहण, जानिए कहां-कहां आयेगा नजर

Hybrid Solar Eclipse : 20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण हाइब्रिड प्रकार का होगा। आसमान में ये दुर्लभ नजारा देखने को मिलने वाला है। अगर चूक गए तो अगला हाईब्रिड सूर्य ग्रहण 2031 में आएगा। यानी आठ साल का इंतजार। खास बात यह है कि यह ग्रहण किसी विशेष क्षेत्र में पूर्ण या आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। वहीं, कुछ क्षेत्रों में यह वर्तुलाकार या वर्तुलाकार या वर्तुलाकार सूर्य ग्रहण होगा। कुछ इलाकों में आंशिक सूर्य ग्रहण भी रहेगा। भारतीय खगोलशास्त्री निश्चित रूप से इस बात से निराश हैं कि वे इस दृश्य को देश में नहीं देख पाएंगे।

हाईब्रिड सूर्य ग्रहण लगने में 8 वर्ष का होता है अन्तराल

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने कहा कि तीन तरह के ग्रहण एक साथ दिखाई देंगे। इस कारण यह सूर्य ग्रहण या हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहलाएगा। इस शताब्दी में 224 सूर्य ग्रहण होंगे, यह दर्शाता है कि यह कितना दुर्लभ है। इनमें से केवल सात ग्रहण संकर होंगे। पिछला हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 10 साल पहले 3 नवंबर 2013 को हुआ था। वहीं, अगला हाईब्रिड सूर्य ग्रहण 15 नवंबर 2031 को हो रहा है। यानी आठ साल का इंतजार।

ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी गोलार्ध में दिखेगा सूर्य ग्रहण

यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ दक्षिणी गोलार्ध में भी होता है। सारिका ने बताया कि इस दुर्लभ सूर्य ग्रहण में विश्व में चार लाख से भी कम लोग पूर्ण या वर्तुलाकार सूर्य ग्रहण की स्थिति देख सकेंगे। वहीं, करीब 70 करोड़ लोग आंशिक सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। वृत्ताकार सूर्य ग्रहण की सबसे लंबी अवधि एक मिनट 16 सेकंड की होगी और यह समुद्र से दिखाई देगा। भूमि पर सबसे लंबा खगरा सूर्य ग्रहण 1 मिनट 14 सेकंड का होगा, जो पूर्वी तिमोर से दिखाई देगा। यह ऑस्ट्रेलिया के एक्समाउथ पेनिनसुला पर सिर्फ एक मिनट के लिए दिखाई देगा।

20 अप्रैल को कब और क्या होगा ?

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण ग्रहण क्या है?

सारिका घारू ने कहा कि सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। इस समय, जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है, तो वह सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है। उस भाग में ईख या पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है। यदि चंद्रमा दूर हो और सूर्य कंगन की तरह चमकता हुआ दिखाई दे तो इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। यदि चंद्रमा न तो बहुत दूर है और न ही बहुत करीब है, तो एक संकर सूर्य ग्रहण होता है।

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 21वीं सदी में देखने को मिलेंगे कई बार

  1. 9 अप्रैल 2005
  2. 3 नवंबर 2013
  3. 20 अप्रैल 2023
  4. 15 नवंबर 2031
  5. 25 नवंबर 2049
  6. 21 मई 2050
  7. 6 दिसंबर 2067

हाईब्रिड सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी।

इस ग्रहण का शुभ और अशुभ प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित अजय व्यास के अनुसार इस सूर्य ग्रहण का पांच राशियों मकर, वृश्चिक, कन्या, सिंह और मेष राशि पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। यह सूर्य ग्रहण अन्य राशियों के लिए शुभ रहेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह सूर्य ग्रहण सुबह 7:04 बजे से शुरू होगा। दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा। कुल अवधि पांच घंटे 24 मिनट होगी। सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। सूतक काल में पूजा वर्जित होती है। चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं दे रहा है, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल का पहला चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद 5 मई को लगेगा। यह उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण आमतौर पर नग्न आंखों से दिखाई नहीं देते हैं। इसमें भी सूतक प्रथा मान्य नहीं है। इसके बाद एक साल में दो और सूर्य ग्रहण पड़ेंगे। उसके बाद 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लगेगा।

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