CAG रिपोर्ट का खुलासा: किसानों की मदद की बजाय अफसरों ने उड़ाई लग्जरी कारों में करोड़ों की रकम
सरकार ने किसान कल्याण पर ₹5.31 करोड़ खर्च करने का दावा किया, लेकिन 90% रकम अफसरों की गाड़ियों पर उड़ा दी गई — CAG रिपोर्ट

भारत के Comptroller and Auditor General (CAG) की ताजा रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के किसान हितैषी दावों की पोल खोल दी है। रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए आवंटित ₹5.31 करोड़ में से 90% यानी ₹4.79 करोड़ अफसरों ने खुद की लग्जरी गाड़ियाँ खरीदने में खर्च कर दिए।
अफसरों की जिम्मेदारी से भागने की कहानी
CAG की रिपोर्ट बताती है कि अफसरों को खाद के स्टॉक और सप्लाई की निगरानी का कार्य सौंपा गया था, लेकिन वे इस काम में बुरी तरह फेल हो गए। भोपाल की अमरावत कला समिति में स्टॉक में गड़बड़ी की वजह से सरकार को करीब ₹14 लाख का नुकसान हुआ और फिर भी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
किसानों को समय पर नहीं मिली सही खाद
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 से 2022 के बीच किसानों को जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पाई। जो खाद उपलब्ध थी, वही बांट दी गई। उर्वरक नियंत्रण आदेश (Fertilizer Control Order) के तहत जरूरी सैंपलिंग की प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। 18 लैब्स की आवश्यकता थी, लेकिन केवल 6 ही काम कर रही थीं। इससे खाद की गुणवत्ता की जांच तक समय पर नहीं हो सकी।
बजट मैनेजमेंट पर भी सवाल
CAG ने 2023-24 के बजट पर भी सवाल उठाए हैं। सरकार ने ₹3.72 लाख करोड़ का बजट पारित किया, लेकिन खर्च सिर्फ ₹3.04 लाख करोड़ हुआ। ₹67,926 करोड़ बिना खर्च हुए लौट गए, फिर भी दो बार सप्लीमेंट्री बजट से ₹57,963 करोड़ की अतिरिक्त राशि मांगी गई, जबकि वास्तविक जरूरत आधी थी।
₹1,575 करोड़ पूंजीगत खर्च का कोई औचित्य नहीं
CAG रिपोर्ट ने यह भी बताया कि ₹1,575 करोड़ बिना किसी स्पष्टीकरण के Capital Expenditure में दिखाए गए, जो गंभीर वित्तीय अनियमितता का संकेत है।
खनन, वन और आबकारी विभाग में भी भारी नुकसान
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि खनन, वन और आबकारी विभाग में कुल ₹1,000 करोड़ का नुकसान हुआ। 2021-22 में 11 जिलों में 45 माइनिंग कंपनियों ने तय सीमा से अधिक खनन किया, जिससे सरकार को ₹630.3 करोड़ का नुकसान हुआ। आबकारी विभाग में ₹10 करोड़ का नुकसान स्टॉक में गड़बड़ी के चलते हुआ। वहीं वन विभाग में ₹65 करोड़ की वसूली नियमों के उल्लंघन के कारण नहीं हो सकी।
CAG क्या है और क्यों है महत्वपूर्ण
CAG (Comptroller and Auditor General of India) भारत का एक संवैधानिक निकाय है जिसे “Public Money का Watchdog” कहा जाता है। इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित किया गया है और इसका काम है
केंद्र और राज्य सरकारों की लेखा परीक्षा करना
सरकारी फंडिंग प्राप्त संस्थानों का ऑडिट करना
सरकारी कंपनियों और लोकपाल जैसी एजेंसियों का वित्तीय मूल्यांकन करना
संसद और विधानसभाओं को रिपोर्ट सौंपना
CAG की रिपोर्टें सरकार की वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज होती हैं।