गुरुवार रात को 12 घंटे की लंबी बहस के बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 और मुसलमान वक्फ (रिपील) विधेयक, 2024 को लोकसभा में पारित कर दिया गया। इन विधेयकों को 288 वोटों के समर्थन और 232 विरोधी वोटों के साथ मंजूरी मिली, अब इन्हें राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इन संशोधनों से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी और कानूनी विवादों में कमी आएगी।
देश में वक्फ संपत्तियों की स्थिति
भारत में वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद लंबे समय से चलते आ रहे हैं। कई सरकारी संपत्तियों पर भी वक्फ बोर्डों ने दावा किया है, जिससे कानूनी और सामाजिक तनाव बढ़ा है। 5973 सरकारी संपत्तियों पर वक्फ का दावा किया गया है, जिसके खिलाफ सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। भारत में कुल 8,72,324 वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं, जो विभिन्न श्रेणियों में बटी हुई हैं।
वक्फ संपत्तियों का वितरण
1. कब्रिस्तानों का प्रभुत्व – 1,50,569 संपत्तियां (17%)
2. मस्जिदों का बड़ा हिस्सा – 1,19,200 संपत्तियां (14%)
3. व्यावसायिक प्रतिष्ठान – दुकानों (1,13,187) और मकानों (92,505) का स्वामित्व
4. कृषि भूमि – 1,40,784 संपत्तियां (16%)
5. धार्मिक स्थल – 33,492 संपत्तियां (दरगाह, मजार, आदि)
6. अन्य श्रेणियां – 64,724 प्लॉट, 17,719 आशूरखाने, 14,008 मदरसे, 1,26,189 अन्य संपत्तियां
राज्यों में वक्फ संपत्तियों का वितरण
उत्तर प्रदेश – 2,32,547 संपत्तियां (27%)
पश्चिम बंगाल – 80,480 संपत्तियां
पंजाब – 75,965 संपत्तियां
तमिलनाडु – 66,092 संपत्तियां
कर्नाटक – 62,830 संपत्तियां
सबसे कम संपत्तियां – गुजरात (39,940), तेलंगाना (45,682), केरल (53,282)
वक्फ संपत्तियों पर विवादों की बढ़ती संख्या
थिरुचेंथुरई गांव (तमिलनाडु) – एक किसान अपनी जमीन वक्फ बोर्ड के दावे के कारण बेच नहीं सका।
गोविंदपुर गांव (बिहार) – बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अगस्त 2024 में पूरे गांव पर दावा किया, जिससे सात परिवार प्रभावित हुए। मामला पटना हाई कोर्ट में लंबित है।
संशोधन विधेयक से क्या बदलेगा
1. वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
2. अन्य समुदायों और सरकारी संपत्तियों पर गलत दावे रोकने की व्यवस्था होगी।
3. कानूनी विवादों की संख्या में कमी आएगी।
4. व्यावसायिक और कृषि संपत्तियों के सही उपयोग की निगरानी होगी।