मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बसे छोटे से गांव सुंदरवाही से निकलकर एक युवा कलाकार ने अपनी अनोखी कला के दम पर देशभर में पहचान बनाई है। हम बात कर रहे हैं सूर्यभान मेरावी की, जो जीभ से पेंटिंग बनाने की अद्भुत और दुर्लभ कला के लिए सुर्खियों में हैं।
2017 से शुरू की अनोखी कला की यात्रा
सूर्यभान की कलाकारी की शुरुआत 2017 में एम टीवी के एक शो से हुई। फिर 2018 में उन्होंने “इंडियाज़ गॉट टैलेंट” जैसे बड़े मंच पर अपनी कला को दिखाने की ठानी। हालांकि तब वे हाथों से बनाई गई पेंटिंग लेकर पहुंचे थे, जो कुछ खास प्रभावित नहीं कर पाई। तभी उन्होंने तय किया कि कुछ ऐसा करना है जो पहले कभी किसी ने न किया हो – और यहीं से शुरू हुआ जीभ से पेंटिंग बनाने का सफर।
जीभ से बनाई सलमान खान की तस्वीर, वायरल हुआ वीडियो
अपने इस अनोखे टैलेंट में उन्होंने दिन-रात मेहनत की। धीरे-धीरे जीभ से पेंटिंग बनाने में निपुण होते गए। 2021 में कलर्स टीवी और 2023 में सोनी टीवी पर उन्हें प्रदर्शन का मौका मिला। हाल ही में वे “द कपिल शर्मा शो” में नजर आए, जहां उन्होंने जीभ से सलमान खान की तस्वीर बनाई। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया।
5 मिनट में तैयार कर देते हैं किसी की भी तस्वीर
सूर्यभान का दावा है कि वे अब केवल 5 मिनट में किसी की भी तस्वीर अपनी जीभ से बना सकते हैं। हालांकि इसके लिए पहले लगभग 30 मिनट तक व्यक्ति के चेहरे को याद करना होता है। उन्होंने सलमान खान के अलावा करण जौहर, भाग्यश्री, हुमा कुरैशी और लॉरेन जैसी हस्तियों की पेंटिंग्स भी बनाई हैं।
दादाजी से मिली प्रेरणा, अब बच्चों को दे रहे हैं प्रशिक्षण
बचपन से ही कला के प्रति लगाव रखने वाले सूर्यभान को प्रेरणा अपने दादाजी से मिली, जो एक कारपेंटर थे। फिलहाल सूर्यभान इंदौर में रहते हैं और वहीं पर ‘सूर्या आर्ट’ नाम से आर्ट क्लासेस चला रहे हैं, जहां वे बच्चों को कला की शिक्षा दे रहे हैं।
जीवन में मिले सच्चे मार्गदर्शक
सूर्यभान अपने जीवन में दो लोगों को मार्गदर्शक मानते हैं – चंदन किशोर गुप्ता, जिन्होंने उन्हें निशुल्क कला की ट्रेनिंग दी, और राजेश ईरवे, जो लगातार उनका उत्साह बढ़ाते हैं। इन दोनों के सहयोग से ही सूर्यभान अपनी कला को इस मुकाम तक पहुंचा सके।
पीएम मोदी के सामने परफॉर्म करने का सपना
सूर्यभान की ख्वाहिश है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उनकी तस्वीर जीभ से बनाकर उन्हें भेंट करें। इंदौर समिट में यह सपना अधूरा रह गया, लेकिन उन्हें पूरा यकीन है कि भविष्य में उन्हें यह मौका जरूर मिलेगा।