एमपी में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट हुई तेज बीजेपी की बढ़ रही मुश्किलें जानिए क्या है सीधी जिले में कांग्रेस -बीजेपी का समीकरण।
मध्य प्रदेश में आगामी अक्टूबर नवबर माह में विधानसभा चुनाव होना है जिसकी सुगबुगाहट अभी से काफी तेज हो गई है कांग्रेस हो या भाजपा दोनों अपनी जोर आजमाइश में लगी हुई है एवं दोनों ही पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव में 80- 80 सीट से ज्यादा उनके पास बेस नहीं है , जबकि कुल 230 सीट में बहुमत का आंकड़ा 216 है ऐसे में दोनों ही पार्टियों को सरकार बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ेगा।
मीडिया से चर्चा के दौरान बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री, प्रदेश संगठन और हाईकमान तक लगातार अपना सर्वे करा रहे हैं लेकिन सभी अपनी सीट 100 के अंदर ही दिखा रहे हैं इसलिए इस बार व्यापक पैमाने पर टिकट काटे जाएंगे। आगे हुए कहते हैं कि टिकट देने का सिर्फ एक ही पैमना होगा सिर्फ और सिर्फ जीत चाहे वह किसी भी गुट का हो उसका व्यक्तित्व कैसा भी हो इस बार संगठन व पार्टी किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करना चाहती।
जानिए सीधी जिले के चुनाव का समीकरण
सीधी जिले की बहुचर्चित सीट सिहावल विधानसभा जो वर्तमान में कांग्रेस के खाते में है यहां से पूर्व पंचायत मंत्री एवं वर्तमान विधायक कमलेश्वर पटेल हैं जो लगातार दूसरी बार भारी मतों से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं एवं भारतीय जनता पार्टी अभी तक यह नहीं तय कर पाई है कि सिहावल से किसे टिकट दिया जाए क्योंकि सिहावल का गढ़ तोड़ना भारतीय जनता पार्टी के लिए हमेशा से ही बहुत मुश्किल काम रहा है, एवं इस बार पार्टी में जो गुटबाजी देखने को मिल रही है पार्टी के बड़े से बड़े नेता एवं छोटे बड़े पदाधिकारी भी अलग-अलग गुटों में नजर आ रहे हैं।
वही अब बात करें चुरहट विधानसभा की तो वर्तमान में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है एवं यहां के विधायक सरतेन्दु तिवारी हैं जो पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का गढ़ सीट मानी जाती है वहां से उन्होंने कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह राहुल को परास्त कर जीत हासिल की थी परंतु इस बार राह काफी कटीली एवं पथरीली भाजपा के लिए बनी हुई है क्योंकि सीधी संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा के बेटे अनेंद्र मिश्रा “राजन” ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम कर भाजपा की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। उनके आप पार्टी में जाते ही चुरहट विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय समझ में आ रहा है। यदि इससे किसी को फायदा होगा तो कांग्रेस को।
बात करें सीधी विधानसभा सीट की तो सीधी जिले की एकमात्र ऐसी सीट है जो अभी तक सुरक्षित मानी जा रही है क्योंकि कांग्रेस के पास सीधी विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ल को परास्त करने के लिए कोई विकल्प अभी तक तो नजर नहीं आ रहा है।
इसके बाद सीधी जिले की चौथी एवं आरक्षित सीट धौहनी विधानसभा है जहां से विधायक भारतीय जनता पार्टी के कुंवर सिंह टेकाम हैं परंतु इस बार कांग्रेस पार्टी से कमलेश सिंह अपनी दावेदारी को काफी मजबूत कर रही हैं वही बात की जाए पिछले चुनाव की तो कमलेश सिंह काफी कम अंतर से हारी थी ऐसे में वर्तमान स्थिति में उनकी पर स्थिति काफी मजबूत नजर आ रही है।
निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि वर्तमान स्थिति को यह देखा जाए तो सिर्फ भाजपा के लिए सीधी सीट ही सुरक्षित मानी जा रही है वहीं अन्य 3 सीटों पर भाजपा को शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है।