मध्य प्रदेश वित्त विभाग के डाटा एनालिसिस एवं इंटेलिजेंस टूल ने बीते 5 वर्षों के 162 करोड़ धांधली पकड़ी है। जिसमें 15 करोड़ से अधिक राशि को वसूल कर लिया गया। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि सरकार पारदर्शी वित्तीय प्रशासन देने के लिए प्रति बाध्य है। वित्तीय अनियमिताओं पर निमंत्रण के लिए सरकार के द्वारा डाटा एनालिसिस इंटेलिजेंस टूल आधारित व्यवस्थाओं को लागू किया है
इस मामले की जानकारी प्राप्त होने के बाद उप मुख्यमंत्री ने पूरे इंटेलिजेंस सिस्टम में सुधार करने को निर्देश दिए हैं साथ ही सभी अधिकारियों को वित्तीय शासन कार्य का पालन करने तथा सतर्क रहने और संवेदनशीलता के साथ भुगतान संबंधित कार्य के भी आदेश दिए। उन्होंने इस मामले की गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
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वित्तीय विभाग में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली का सॉफ्टवेयर चल रहा है इसके जरिए 5600 अधिकारी देखो के भुगतान करते हैं जिसमें प्रदेश के 10 लाख से भी अधिक कर्मचारियों के भुगतान वेतन कार्यालय का खर्च अनुदान एवं स्कॉलरशिप भी जुड़ा है। बीते कुछ महीनो में इन टूल्स का इस्तेमाल करते हुए कार्रवाई भी की गई है
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5 वर्षीय वित्तीय वर्षों मे 85 लाख देयको ने 15 करोड़ का भुगतान के एनालिसिस किया है। गड़बड़ी हो सकती थी उन क्षेत्रों को पहचान की गई है तथा डेटा एनालिसिस के लिए मापदंड भी बनाए गए। गलत भुगतान का पहला मामला इंदौर कलेक्टर ऑफिस से सामने आया। जिम्मेदारों अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है इन मामलों में कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया जा सकता है