मध्यप्रदेश सरकार की बहुप्रतीक्षित और बेहद जरूरी एयर एम्बुलेंस सेवा पिछले ढाई महीनों से पूरी तरह से बंद है। साल 2024 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शुरू की गई ‘पीएमश्री एयर एम्बुलेंस’ सेवा स्वास्थ्य आपात स्थितियों में बेहद मददगार साबित हुई थी। मगर मार्च 2024 में अनुबंध की मियाद खत्म होने के बाद नई टेंडर प्रक्रिया समय पर पूरी न हो पाने से यह सेवा रुक गई है।
क्यों बंद हुई सेवा
सेवा का संचालन करने वाली पुरानी एविएशन कंपनी का अनुबंध मार्च में समाप्त हो गया, और नई कंपनी के चयन में विलंब होने से यह अहम चिकित्सा सुविधा थम गई। हालांकि खबर है कि नई टेंडर प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है और जल्द ही सेवा दोबारा शुरू की जाएगी।
अंतिम उड़ान कब भरी
एयर एम्बुलेंस की आखिरी उड़ान 4 मई को विदिशा के मानोरा गांव से सुरेंद्र लोधी नामक मरीज को लेकर नागपुर गई थी। इसके बाद से पूरे प्रदेश में यह सेवा बंद है।
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नई सुविधाएं क्या होंगी
अब इस सेवा को और आधुनिक बनाया जा रहा है। हेलीकॉप्टर के साथ-साथ एक फ्लाइंग एम्बुलेंस (विमान) भी जोड़ी जाएगी। डबल इंजन वाले हेलीकॉप्टर से अब रात में भी गंभीर मरीजों को एयर लिफ्ट करना संभव होगा। साथ ही हर उड़ान में 24 घंटे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहेगा।
नया अनुबंध और संचालन
नई योजना के तहत एविएशन कंपनी से तीन साल के लिए अनुबंध किया जाएगा, जिसे एक साल तक बढ़ाया भी जा सकता है यदि प्रदर्शन संतोषजनक रहा। इससे सेवा लंबे समय तक स्थिर रह सकेगी।
कितनों को मिला था लाभ?
अब तक इस सेवा के जरिए प्रदेश के 62 मरीजों को एयर लिफ्ट किया गया है। इनमें सबसे अधिक 19 मरीज रीवा जिले से थे। जबलपुर से 11, भोपाल से 8, छतरपुर से 6, ग्वालियर से 3, जबकि अन्य जिलों से भी मरीजों को लाभ मिला है।
कौन उठा सकता है फायदा?
इस योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त में एयर एम्बुलेंस सेवा मिलेगी। वहीं, अन्य मरीज भी आपात स्थिति में सेवा का लाभ शुल्क देकर उठा सकते हैं। हेलीकॉप्टर सेवा की कीमत लगभग ₹1.94 लाख प्रति घंटा जबकि फ्लाइंग एम्बुलेंस की ₹1.78 लाख प्रति घंटा तय की गई है।