Who is the next state president of MP? The high command has finalized the name, announcement will be made soon, MP Politics
MP Politice: मध्य प्रदेश की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा। वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पूरा हो चुका है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी उन्हें दोबारा मौका देती है या किसी नए चेहरे पर दांव खेलती है।
वीडी शर्मा की अब तक की भूमिका
वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी ने कई महत्वपूर्ण चुनाव जीते हैं, जिनमें 2020 के उपचुनाव, 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव शामिल हैं। उनके कार्यकाल में पार्टी ने राज्य में 29 की 29 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह भी उनके संगठन कौशल की सराहना कर चुके हैं। ऐसे में अगर पार्टी उन्हें रिपीट करती है, तो यह उनके सफल नेतृत्व को स्वीकार करने का संकेत होगा।
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अगर वीडी शर्मा को रिपीट नहीं किया गया तो कौन हो सकता है अगला अध्यक्ष?
अगर बीजेपी नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश करती है, तो यह फैसला जातिगत और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
1. सामान्य वर्ग के संभावित उम्मीदवार
ब्राह्मण चेहरा:
नरोत्तम मिश्रा – पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता
रामेश्वर शर्मा – पूर्व विधायक और हिंदुत्ववादी छवि
राजेंद्र शुक्ला – पीएम मोदी से हाल ही में मुलाकात कर चुके हैं
वैश्य या कायस्थ चेहरा:
हेमंत खंडेलवाल – सीएम मोहन यादव के करीबी माने जाते हैं
2. क्षत्रिय वर्ग के संभावित उम्मीदवार
राकेश सिंह – पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
अरविंद भदौरिया – संगठन में मजबूत पकड़
हालांकि, छत्तीसगढ़ में पहले ही क्षत्रिय नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा चुका है, इसलिए मध्य प्रदेश में इस वर्ग से किसी को मौका मिलने की संभावना कम मानी जा रही है।
जातिगत संतुलन और 2003 का फॉर्मूला
बीजेपी 2003 के उस फॉर्मूले को फिर से दोहरा सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से और प्रदेश अध्यक्ष सामान्य वर्ग से होता है। मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं, ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सामान्य वर्ग के नेता को मिलने की संभावना अधिक है।
अनुसूचित जाति और जनजाति के नेता भी रेस में
अगर बीजेपी अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष चुनने का फैसला करती है, तो कुछ प्रमुख नाम चर्चा में हैं:
अनुसूचित जनजाति (ST): सुमेर सिंह सोलंकी, गजेंद्र पटेल
अनुसूचित जाति (SC): लाल सिंह आर्य (बीजेपी एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष)
हालांकि, इन वर्गों को मंत्रिमंडल में पहले से ही पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला हुआ है, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष पद सामान्य वर्ग को दिए जाने की संभावना अधिक है।
बीजेपी के लिए सबसे अहम पैमाने
प्रदेश अध्यक्ष के चयन में बीजेपी तीन प्रमुख बातों का ध्यान रखेगी:
1. मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहमति
2. जातिगत और राजनीतिक समीकरण
3. अनुभवी और संगठन में पकड़ रखने वाला नेता
निष्कर्ष
बीजेपी इस बार जातीय संतुलन के साथ-साथ एक अनुभवी और मजबूत नेतृत्व देने की कोशिश करेगी। चाहे वीडी शर्मा को फिर से मौका मिले या कोई नया चेहरा सामने आए, यह फैसला पार्टी की भविष्य की रणनीति और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।