अब कोयले के साथ सोना भी उगलेगा सिंगरौली, हर साल बढ़ेगा प्रदेश का राजस्व
खनिज विभाग की देखरेख में प्रारंभिक खुदाई शुरू हो चुकी है। इस ऐतिहासिक पहल से न सिर्फ सिंगरौली की पहचान और मजबूत होगी

ऊर्जा राजधानी के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है। कोयले के असीम भंडार के लिए मशहूर सिंगरौली की धरती अब जल्द ही सोना भी उगलेगी। हाल ही में जिले में सोने की खदानों की नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और आवंटित कंपनियों ने खुदाई का कार्य भी शुरू कर दिया है। इस महत्वपूर्ण कदम के साथ सिंगरौली प्रदेश के आर्थिक विकास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ने जा रहा है।
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सिंगरौली जिले की चार प्रमुख सोने की खदानों — चकरिया गोल्ड ब्लॉक, सिल्फोरी-सिधार गांव का गूढ़हर पहाड़, अमिलहवा गोल्ड ब्लॉक और चुनपुरवा गोल्ड ब्लॉक — की नीलामी पूरी की जा चुकी है। अलग-अलग कंपनियों को इन खदानों का संचालन सौंपा गया है। मशीनों ने इन क्षेत्रों में खुदाई का काम तेज गति से शुरू कर दिया है। प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इन खदानों में प्रति टन सामग्री से लगभग 1.02 ग्राम से 1.5 ग्राम तक सोना निकलने की संभावना जताई गई है।
खनिज विभाग की निगरानी में शुरुआती खुदाई का काम चल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो सिंगरौली का यह क्षेत्र जल्द ही देश के महत्वपूर्ण सोना उत्पादक क्षेत्रों में शुमार हो सकता है। इससे न केवल जिले की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
अब तक सिंगरौली को मुख्य रूप से कोयले की खदानों और विद्युत तापीय परियोजनाओं के लिए जाना जाता था। यहां से देशभर के कई राज्यों को कोयला सप्लाई कर प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती रही है। अब सोने के उत्पादन के साथ सिंगरौली की यह भूमिका और भी अहम हो जाएगी।
सहायक खनिज अधिकारी कपिल मुनि शुक्ला के अनुसार, “सोने की खदानों से हर वर्ष राज्य सरकार को करीब 250 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की संभावना है।” यह आंकड़ा जिले की मौजूदा राजस्व प्राप्ति में बड़ा योगदान देगा। कोयले के बाद सोने की खुदाई से मिलने वाली आमदनी से सिंगरौली की समृद्धि का नया युग शुरू होगा।
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सरकार की इस पहल से सिंगरौली जिले में औद्योगिक विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी। खनन गतिविधियों में वृद्धि से क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विस्तार होगा और बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही, निवेशकों के लिए भी यह क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
इस तरह, सिंगरौली अब ऊर्जा और खनिज संपदा के क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित करने के लिए तैयार है। भविष्य में यह जिला प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनने की ओर बढ़ रहा है।