एमपी के प्राध्यापकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत: 7वें वेतनमान और एरियर्स भुगतान का आदेश!
एमपी हाईकोर्ट का आदेश प्राध्यापकों को मिलेगा 7वां वेतनमान, तय समय में नहीं मिला तो मिलेगा ब्याज सहित एरियर्स।

मध्यप्रदेश में अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से वेतनमान को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई आखिरकार कर्मचारियों के पक्ष में गई है। जबलपुर हाईकोर्ट ने प्राध्यापकों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने और एरियर्स का भुगतान करने का ऐतिहासिक आदेश सुनाया है।
यह मामला तब उठा जब राज्य सरकार ने 27 फरवरी 2024 को आदेश जारी कर अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को 7वां वेतनमान देने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ एमपी अशासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. ज्ञानेंद्र त्रिपाठी और डॉ. शैलेश जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
पहले भी हाईकोर्ट ने प्राध्यापकों के पक्ष में आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने उस आदेश को मानने के बजाय अपील की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दाखिल की और अब न्यायमूर्ति विवेक जैन की एकलपीठ ने बड़ा निर्णय सुनाया।
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कोर्ट के आदेश के मुख्य बिंदु
31 मार्च 2000 से पहले नियुक्त सभी प्राध्यापकों को 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ मिलेगा।
सेवारत प्राध्यापकों को 12 महीनों में एरियर्स चुकाने होंगे, अन्यथा 6% ब्याज देना होगा।
याचिकाकर्ताओं को 4 महीनों के भीतर कुल एरियर की 25% राशि मिलेगी।
सेवानिवृत्त प्राध्यापकों को उनके बकाया एरियर 9 महीनों में चुकाने होंगे। यह फैसला न सिर्फ प्राध्यापकों के हक में एक बड़ी जीत है, बल्कि यह सरकार को स्पष्ट संकेत देता है कि कर्मचारियों के वैधानिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती।