मध्यप्रदेश

3 दिनों तक धान खरीदी रहेगी बंद, सीएम डॉ. मोहन ने जल्द धान कटाई के दिए निर्देश

CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश से कटी धान के खराब होने की आशंका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुले में रखे धान को ढककर तत्काल परिवहन करने का आदेश दिया है। नए साल में जहां तीन दिन धान संग्रहण बंद रहेगा, वहीं संग्रहण की तारीख तीन दिन बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी गई है।

दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को धान खरीद को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने आदेश दिया कि जिन किसानों का धान जमा हो गया है, उन्हें जल्द से जल्द भुगतान किया जाये। प्रक्रिया आसान होनी चाहिए और कमाई का भुगतान तीन से चार दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौसम की स्थिति को देखते हुए खुले में पड़े धान को बारिश से बचाने के लिए यथाशीघ्र परिवहन किया जाए। उन्होंने कहा कि गोदाम क्षेत्र में एकत्रित धान यदि खुला रखा हुआ है तो उसे यथाशीघ्र अंदर रखवा लें।

धान को बारिश से बचाने की तत्काल व्यवस्था करें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जिन सहकारी समितियों में खुले आसमान के नीचे धान रखा हुआ है, वहां मौसम खराब होने की संभावना को देखते हुए समितियों में एकत्रित धान को बारिश से बचाने के लिए खुले क्षेत्र को तत्काल तिरपाल आदि से ढक दिया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि किसानों से अनुरोध करें कि वे मौसम को देखते हुए कुछ दिन इंतजार करें या मौसम साफ होने पर ही अपना धान संग्रहण के लिए लायें।

अगर लंबे समय तक मौसम खराब रहा तो सरकार धान संग्रहण का समय बढ़ाने पर भी विचार करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों से कहा कि धान मिलर्स को जल्द से जल्द धान की कटाई करने का निर्देश दें। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को एकत्रित धान को तत्काल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और आवश्यक व्यवस्था करने को कहा।

एकत्रित चावल मिलर्स को देने का प्रयास करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि उपार्जन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों से निर्धारित समय-सीमा में धान की खरीदी की जा सके। किसानों से एकत्रित धान की अधिकतम मात्रा राइस मिलर्स को देने का प्रयास करें, इससे कटाई प्रक्रिया में लगने वाले समय, धन और श्रम की बचत होगी।

अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी तैनात किया जाना चाहिए

अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से धान परिवहन के लिए अधिक संख्या में वाहन तैनात किए जाएं और यदि आवश्यक हो तो धान परिवहन के लिए अन्य परिवहन/वाहन खरीदे जाएं। गोदाम स्तर के उपार्जन केंद्र पर खुले में रखे धान को सहकारी समितियों के माध्यम से गोदामों में ढेर कराया जाए। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को शीघ्र भुगतान के लिए शीघ्र स्वीकृति पत्र जारी किया जाए। भारत सरकार द्वारा एफएक्यू मापदण्ड के अनुसार धान की खरीद की जानी चाहिए तथा मॉनिटरिंग के लिए अन्य विभागों के कर्मियों को भी तैनात किया जाना चाहिए।

3.48 लाख किसानों ने बेचा धान

प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति ने बताया कि इस वर्ष धान उपार्जन हेतु 7.72 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, जो पिछले वर्ष 2023-24 (7.27 लाख) से अधिक है। इस वर्ष राज्य में 1393 धान संग्रहण केन्द्र स्थापित किये गये हैं। जिसमें से अब तक 22 लाख 86 हजार मीट्रिक धान का संग्रहण किया जा चुका है। अब तक 3 लाख 48 हजार किसान अपना धान बेच चुके हैं। जिन किसानों से उन्होंने खरीद की है उनका भुगतान कम से कम समय में करने की व्यवस्था की जा रही है।

26 दिसम्बर तक 4.5 लाख मीट्रिक टन सामान्य (ए ग्रेड) धान का संग्रहण किया जा चुका है। जिन लोगों से धान खरीदा गया, उन्हें खरीद मूल्य के रूप में 1,961 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण बैगों की कोई कमी नहीं है। एकत्रित धान का परिवहन एवं भण्डारण भी समुचित ढंग से किया जा रहा है। राज्य में कुल 674 अनुबंधित मिलर्स हैं। अब तक उनके द्वारा संग्रहित 3 लाख 36 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है।

3 दिनों तक धान खरीदी बंद रहेगी

किसानों को एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाता है कि 30, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को धान की खरीद बंद रहेगी। धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 जनवरी से बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी गई है। जिन किसानों ने धान बेचने के लिए स्लॉट बुक कराया है, उनके लिए समय सीमा 5 दिन बढ़ा दी गई है। उन्हें दोबारा स्लॉट बुक करने की जरूरत नहीं है।

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