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PM मोदी ने दी चेतावनी अगर भारतीय वकीलों को रोका तो विदेशी भी नही भारत में नही कर सकेंगे वकालत

 

 

यदि किसी भारतीय वकील या कानूनी फर्म को किसी देश में प्रैक्टिस करने से परेशान/अवरुद्ध किया जाता है तो उस देश के वकील या कानूनी फर्म को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए लोकसभा में यह जानकारी दी।

इस साल 10 मार्च को बीसीआई ने भारत में विदेशी वकीलों और विदेशी कानून फर्मों के पंजीकरण और विनियमन के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियम-2022 को अधिसूचित किया।इसके बाद विदेशी वकीलों और लॉ फर्मों के लिए भारत में वकालत करने के रास्ते खुल गये।

लोकसभा में पांच सांसदों ने सवाल उठाया था कि क्या बीसीआई ने विदेशी वकीलों और कानून फर्मों के लिए भारत में प्रैक्टिस करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं इस सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि बीसीआई ने सूचित किया है कि बीसीआई ने विदेशी वकीलों/कानून फर्मों को अनुमति देने के लिए मार्च 2023 में दिशानिर्देश/नियम बनाए हैं।

कानून मंत्री ने कहा कि बीसीआई संबंधित विदेशी वकील/विदेशी लॉ फर्म या संबंधित सरकार को अपना पक्ष रखने का मौका देगी और जवाब संतोषजनक नहीं होने पर उस देश के वकील या लॉ फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी कितने देशों में भारतीय वकीलों या

कानून फर्मों को पारस्परिक आधार पर प्रैक्टिस करने की अनुमति है और कौन सी कानून कंपनियां विदेश में प्रैक्टिस कर रही हैं? कानून मंत्री ने कहा कि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

एक अन्य सवाल के जवाब में कानून मंत्री ने लोकसभा में कहा कि विदेशी वकीलों या लॉ फर्मों का भारत में प्रवेश पारस्परिक आधार पर होगा उन्होंने कहा कि बीसीआई द्वारा बनाये गये नियमों में किसी भी विदेशी वकील या लॉ फर्म का रजिस्ट्रेशन रोकने का प्रावधान है

एक अन्य सवाल के जवाब में कानून मंत्री ने लोकसभा में कहा कि विदेशी वकीलों या लॉ फर्मों का भारत में प्रवेश पारस्परिक आधार पर होगा उन्होंने कहा कि बीसीआई द्वारा बनाए गए नियमों में किसी भी विदेशी वकील या लॉ फर्म का पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान है।

सदन को बताया गया कि यदि बीसीआई को किसी भी स्रोत से पता चलता है कि भारतीय वकीलों या भारतीय कानून फर्मों के साथ संबंधित देश की सरकार द्वारा किसी भी तरह से भेदभाव किया जा रहा है तो भारत में वकीलों या कानून फर्मों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

कानून मंत्री ने कहा कि बीसीआई संबंधित विदेशी वकील/विदेशी लॉ फर्म या संबंधित सरकार को अपना पक्ष रखने का मौका देगी और जवाब संतोषजनक नहीं होने पर उस देश के वकील या लॉ फर्म के खिलाफ

कार्रवाई की जाएगी कितने देशों में भारतीय वकीलों या कानून फर्मों को पारस्परिक आधार पर प्रैक्टिस करने की अनुमति है और कौन सी कानून कंपनियां विदेश में प्रैक्टिस कर रही हैं? कानून मंत्री ने कहा कि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

https://prathamnyaynews.com/madhya-pradesh-news/35315/

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