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गर्भवती लीला साहू का सड़क के लिए संघर्ष: सोशल मीडिया पर फिर उठाई आवाज, नेताओं से किया सवाल

सीधी की सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर लीला साहू ने फिर सड़क निर्माण के लिए सरकार को घेरा, कहा- 9 महीने की गर्भवती हूं, लेकिन लड़ाई जारी रहेगी

सीधी जिले की चर्चित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर लीला साहू ने एक बार फिर अपने क्षेत्र की बदहाल सड़कों को लेकर आवाज बुलंद की है। लीला साहू ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर सरकार और नेताओं से गुहार लगाई है कि उनके गांव और इलाके में जल्द से जल्द सड़क का निर्माण कराया जाए।

यह पहला मौका नहीं है जब लीला ने सड़क के मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई हो। इससे पहले भी वे कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने क्षेत्र के सांसद व जनप्रतिनिधियों से वीडियो के माध्यम से विनती कर चुकी हैं, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ।

लीला साहू ने बताया कि कुछ नेताओं ने उन्हें सड़क बनाने का आश्वासन जरूर दिया था, पर समय बीतने के साथ वे अपने वादे भूल गए और जनता को एक बार फिर बेसहारा छोड़ दिया। लीला ने अपने वीडियो में कहा कि उनकी यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी।

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जब तक उनके गांव और क्षेत्र की सड़कें दुरुस्त नहीं हो जातीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सड़कें सिर्फ यातायात का साधन नहीं, बल्कि विकास की बुनियाद होती हैं। खराब सड़कों के कारण ग्रामीणों को आए दिन परेशानी उठानी पड़ती है, आपात स्थिति में एंबुलेंस जैसी सेवाओं में भी दिक्कतें आती हैं।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि लीला साहू इस समय 9 महीने की गर्भवती हैं, लेकिन इसके बावजूद वे सड़क निर्माण के लिए संघर्ष छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपने वीडियो में भावुक अपील करते हुए कहा

“मैं गर्भवती होने के बावजूद अपनी आवाज नहीं दबने दूंगी। मेरे गांव और इलाके की सड़कों की हालत बेहद खराब है। बारिश में सड़कों पर कीचड़ हो जाता है और पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। क्या हम विकास के हकदार नहीं हैं?

लीला साहू के इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों की सहानुभूति और समर्थन मिल रहा है। लोग उनके साहस और जज्बे की तारीफ कर रहे हैं। कई यूजर्स ने वीडियो को शेयर कर सरकार

और जनप्रतिनिधियों से सड़क निर्माण की मांग भी की है। वीडियो में लीला ने साफ शब्दों में कहा कि नेता चुनाव के वक्त वोट मांगने आते हैं और बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे जनता को भूल जाते हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सड़क नहीं बनाई गई तो वे आगे भी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार को घेरती रहेंगी और जनता की आवाज को बुलंद करती रहेंगी।

लीला साहू ने अंत में कहा, “मेरी आवाज इस इलाके के हर उस व्यक्ति की आवाज है, जो सालों से सड़क के अभाव में परेशान है। मैं चाहती हूं कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द समाधान करे।

लीला साहू का यह संघर्ष न सिर्फ सड़क की मांग तक सीमित है, बल्कि यह सिस्टम के प्रति जनता की अपेक्षाओं और नेताओं की जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। ऐसे में देखना होगा कि सरकार और प्रशासन उनकी आवाज को कब तक अनसुना करते हैं या इस बार कोई ठोस कदम उठाते हैं।

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