रीवा: विकास की बातें करने वाले तंत्र की असलियत एक बार फिर सामने आई है। जवा तहसील के भटिगवां गांव में रविवार देर रात एक गर्भवती महिला प्रिया रानी कोल की सिर्फ इसलिए मौत हो गई क्योंकि बाढ़ के पानी से पुल डूबा था और वह अस्पताल तक नहीं पहुंच पाई।
प्रिया का ससुराल बरहट गांव में है, जहां सड़कें बेहद खराब हैं। इस कारण वह गर्भावस्था में मायके आ गई थी। रविवार रात अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिवार उसे जवा अस्पताल ले जा रहा था, लेकिन रास्ते में महना नदी का उफान बाधा बन गया।
परिजन नदी के एक तरफ अटके रहे और प्रिया दर्द से तड़पती रही। गांव के एक डॉक्टर को मौके पर बुलाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने आते ही प्रिया को मृत घोषित कर दिया।
शव को लेकर परिजनों को 40 किलोमीटर का लंबा और कष्टदायक सफर तय करना पड़ा। सोमवार को अंतिम संस्कार हुआ। इसके बाद परिजनों ने प्रशासन से न्याय की मांग की।
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
60 की उम्र में किसानों को हर महीने ₹3000 की गारंटी! जानिए इस सरकारी योजना के फायदे
सीधी में भी गर्भवती महिलाएं सड़क के लिए संघर्ष में
उधर, सीधी जिले के खड्डी खुर्द गांव की आठ गर्भवती महिलाओं ने खराब सड़क के विरोध में मोर्चा खोल रखा है। इस आंदोलन की अगुआई सोशल मीडिया पर सक्रिय बघेली इन्फ्लुएंसर लीला साहू कर रही हैं, जो खुद भी गर्भवती हैं। यह विरोध सरकार से सवाल करता है – आखिर कब तक गर्भवती महिलाओं की जान सड़कों की दुर्दशा पर निर्भर रहेगी?
प्रसव सहायता राशि में भी अनियमितताएं
इस घटना के बाद संजय गांधी अस्पताल में प्रसूति सहायता की राशि नहीं मिलने या कम मिलने की शिकायतों पर अधीक्षक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।