Vindhya Capital Rewa History: ऐसे पड़ा था विंध्य की राजधानी रीवा का नाम ऐसा रहा हैं पुरा इतिहास!

विंध्य प्रदेश की राजधानी रीवा विंध्यांचल पर्वत की गोद में फैला हुआ है यह एक अनोखा राज्य है जिसकी राजधानी रीवा रही है बादशाह अकबर के दरबार में नवरत्न तानसेन एवं बीरबल जैसे महान विभूतियों की जन्म जगह भी रही है।

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बिहर एवं बिछिया नदी के तट में बसा हुआ रीवा शहर बघेल वंश के शासकों की राजधानी के साथ-साथ विंध्य प्रदेश की भी राजधानी रही ऐसे ऐतिहासिक प्रदेश विश्व जगत में सफेद शेरों की धरती के रूप में भी जाना जाता है

और साथ में यहां के आम GI टैग सुंदरजा आम देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। प्राचीन  में महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग रहा जोकि कौशांबी प्रयागराज बनारस पाटलिपुत्र

एवं अन्य रहे यहां बघेल वंश के पहले अन्य शासकों ने शासनकाल किए जैसे गुप्तकाल कल्चरि वंश चंदेल एवं पतिहार के नाम रहे

संभागीय मुख्यालय होने के कारण इस क्षेत्र को प्रमुख नगर के रूप में जाना जाता रहा है तथा संभागीय मुख्यालय के साथ ही इस क्षेत्र का एक प्रमुख इतिहास नगर है

रीवा नगर पालिका निगम 1950 के पूर्व नगरपालिका के रूप में गठित हुई थी जनवरी 1981 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगर पालिका निगम का दर्जा प्रदान किया गया 

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इस तरह से पड़ा नाम रीवा 

रीवा का नाम रेवा नदी के नाम पर पड़ा जो नर्मदा नदी के पौराणिक नाम से लिया गया है, प्राचीनतम काल में यह देखा गया है कि बड़े शहरों के नाम किसी ना किसी नदी से जुड़े ही गए हैं भारत नदियों का देश भी माना जाता है

और नदियों के नाम पर कई बड़े शहरों के नाम भी पढ़े हुए हैं जिनमें रीवा जिला का नाम रेवा नर्मदा नदी के नाम पर रखा गया। जिसे Capital Of Vindhya कहा जाता है।

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