उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने शुक्रवार को रीवा के पहाड़िया गांव में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के तहत 158.67 करोड़ रुपये की लागत से अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने के संयंत्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा रीवा में कोयला पानी और सोलर के बाद अब कचरे से बिजली भी बनाई जाएगी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट शहर से निकलने वाले कचरे को प्रोसेस करेगा और 6 मेगावाट बिजली पैदा करेगा उन्होंने कहा कि कचरा हटेगा तो बिजली पैदा होगी वहीं कचरा प्रबंधन से रीवा और विंध्य को स्वच्छ बनाने का संकल्प भी पूरा होगा।
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उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि इस प्लांट से रीवा संभाग के 28 नगरीय निकायों के कचरे का उपयोग बिजली उत्पादन में किया जायेगा उन्होंने कहा कि शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए ढांचागत कार्य के साथ-साथ जागरूकता की भी जरूरत है यह अत्याधुनिक प्लांट ठोस कचरे का प्रबंधन करेगा और इसकी चिमनी से निकलने वाला धुआं किसी भी तरह से हानिकारक नहीं होगा।
शुक्ला ने कहा कि बीमारी से बचाव के लिए स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है सभी नागरिकों को शहरों और गांवों को स्वच्छ रखने में भाग लेना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के राष्ट्रीय आंदोलन के संकल्प को पूरा करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र की क्षमता 350 टन प्रतिदिन है कचरे से बिजली पैदा करके राख का पुन: उपयोग किया जाएगा और भस्मीकरण से उत्पन्न हानिकारक गैसों को पूरी तरह से पुनर्चक्रित कर वायुमंडल में छोड़ा जाएगा यह अत्याधुनिक संयंत्र कचरे को बिजली उत्पादन में बदलने के साथ-साथ स्वच्छ भारत प्रतिज्ञा को पूरा करने वाला देश का 9वां संयंत्र होगा।
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