धार्मिक स्थलों पर शराब बंदी के फैसले से खुश हुए साधु-संत,CM मोहन यादव ने लिया था फैसला

MP News: होली के शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2025 से प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी लागू होगी। इस फैसले से संत समाज और श्रद्धालुओं में हर्ष की लहर दौड़ गई है।
उज्जैन में हुआ ऐतिहासिक ऐलान
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह घोषणा उज्जैन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम “होली के रंग, साधु-संतों के संग” के दौरान की। इस कार्यक्रम में 13 अखाड़ों के संतों समेत हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने न केवल शराबबंदी की घोषणा की, बल्कि गौशालाओं के विकास और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष बोनस योजना भी शुरू करने की बात कही।
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होली के रंग में सराबोर हुए मुख्यमंत्री
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साधु-संतों के साथ गुलाल खेला और पुष्पवर्षा की। ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच श्रद्धालु और संत समाज आनंदित नजर आए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने धार्मिक नगरी की स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।
अखाड़ा परिषद की मांग: धार्मिक नगरी का दर्जा और मांस की दुकानों पर रोक
कार्यक्रम के दौरान अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज और स्थानीय अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराज ने मुख्यमंत्री से उज्जैन को औपचारिक रूप से धार्मिक नगरी घोषित करने की मांग की।
संत समाज ने यह भी अनुरोध किया कि उज्जैन में मांस की दुकानों पर रोक लगाई जाए, ताकि धार्मिक महत्व वाले स्थानों की पवित्रता बनी रहे और श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के पूजा-पाठ कर सकें।
मुख्यमंत्री का संकल्प: शराबबंदी और गौशालाओं को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री 1 अप्रैल 2025 से पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
सरकार के इस फैसले के पीछे मुख्य उद्देश्य:
✅ धार्मिक स्थलों की पवित्रता और शुद्धता बनाए रखना।
✅ श्रद्धालुओं को स्वच्छ और शांत वातावरण प्रदान करना।
✅ शराब के दुष्प्रभावों को कम करके सामाजिक सुधार को बढ़ावा देना।
साथ ही, गौशालाओं को बढ़ावा देने और दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक विशेष बोनस योजना शुरू करेगी। इसके तहत गौपालकों को आर्थिक सहायता और सब्सिडी दी जाएगी, जिससे दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
राज्य सरकार का बड़ा कदम: धार्मिक स्थलों की पवित्रता होगी बरकरार
राज्य सरकार का मानना है कि धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री बंद होने से सामाजिक और सांस्कृतिक शुद्धता को बढ़ावा मिलेगा।
इस फैसले के तहत उज्जैन, चित्रकूट, महाकाल लोक और अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों पर शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस निर्णय को धार्मिक भावनाओं की रक्षा और उज्जैन जैसे पवित्र तीर्थस्थलों की गरिमा बनाए रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।