मध्यप्रदेश

5 सालों के लिए NDBB के साथ सांची दुग्ध का समझौता, 1500 करोड़ की लागत से बड़ा बदलाव

मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन और उसके संबद्ध दुग्ध संघों को सरकार द्वारा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके लिए सरकार ने एनडीबीबी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। अब सांची दूध एनडीबीबी को सौंप दिया गया है। वहीं सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें अगले पांच वर्षों के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से दुग्ध संघ का प्रबंधन और संचालन करने के समझौते के बारे में जानकारी दी।

सीएम ने कहा कि इस समझौते से करीब 11,000 गांवों के पशुपालकों और डेयरी किसानों की आय में वृद्धि होगी। सरकार के माध्यम से सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए इन 11,000 गांवों में बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाएं बनाई जाएंगी। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने राज्य सरकार के अभिनव फैसले की सराहना की। पूरे राज्य में इस दिशा में काम करने का सुझाव दिया गया। सीएम ने उम्मीद जताई कि इस फैसले से न केवल राज्य के दुग्ध उत्पादक किसानों की समृद्धि बल्कि खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों को भी लाभ होगा।

एनडीबीबी के कार्यभार संभालने के बाद सांची मिल्क में कई बदलाव होंगे। 25 साल पुरानी मशीनें बदली जाएंगी। ब्रांडिंग और मार्केटिंग का नया खाका भी तैयार किया जाएगा। इस पर करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।

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