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कलयुग के श्रवण ने कांवड के साथ कंधों पर लेकर माता-पिता को कराई तीर्थ यात्रा
रामायण गाथा काल के श्रवण कुमार को सब जानते हैं, उन्होंने अपने अंधे माता-पिता को कंधो पर लेकर तीर्थ यात्रा कराई थी। वहीं अब कलयुग का श्रवण बिट्टू गुर्जर हरिद्वार से गंगाजल के साथ अपने माता-पिता को कंधों पर लेकर मुज़फ्फरनगर पहुंचा। जिसने कहा कि उसका भी सपना था कि त्रेता युग में एक श्रवण कुमार जैसे माता-पिता को तीर्थ यात्रा करना।
उसी से प्रेरणा लेकर वह भी अपने माता-पिता को हरिद्वार से गंगा जल के साथ कावड़ यात्रा कराना चाहता था। वहीं कलयुग के श्रवण के माता- पिता राजेश देवी व रणवीर कहते है कि भगवान ऐसा बेटा सभी के घर में पैदा करें उन जैसा बेटा हर किसी के घर में पैदा होना चाहिए। उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है कि उनका बेटा उन्हें हरिद्वार में गंगा जी में स्नान करने लेकर आया है और इसके साथ ही अपने कंधों पर लेकर जा रहा है।