सीधी

Sidhi news: दो माह बीतने के बाद भी EOW को कलेक्टर नहीं भेज पाए जवाब, फर्जी रूप से करोड़ों रुपए की राशि भुगतान को लेकर हुई थी शिकायत, अपर सचिव ने मांगी कलेक्टर से जानकारी

Sidhi news: दो माह बीतने के बाद भी EOW को कलेक्टर नहीं भेज पाए जवाब, फर्जी रूप से करोड़ों रुपए की राशि भुगतान को लेकर हुई थी शिकायत, अपर सचिव ने मांगी कलेक्टर से जानकारी।

प्रथम न्याय न्यूज़ सीधी। नाम सीधी काम उल्टा और मीडिया की सुर्खियों में बना रहना सबसे बड़ी विशेषता चाहे वह भ्रष्टाचार को लेकर को या फिर राजनीति या अन्य मुद्दों को लेकर एक छोटा सा जिला प्रदेश की राजधानी भोपाल तक हमेशा ही सुर्खियों में बना रहता है क्योंकि यहां का काम है हमेशा सुर्खियों में रहता है चाहे वह कलेक्टर को लेकर हो या फिर किसी अन्य विषय वस्तु लेकर परंतु इस बार मामला कुछ अलग ही है जहां पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल का पत्र भी इन दिनों सीधी जिले में भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगा पा रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण हम आपको आगे बताएंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर EOW ने पत्र लिखकर कलेक्टर से मांगा जवाब 

नाम तो सीधी जिला है लेकिन यहां पर भ्रष्टाचार सबसे बड़ा वाला होता है इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की ईओडब्ल्यू ने सीधी जिले में हुई निर्माण कार्यों के फर्जी राशि आहरण मामले को लेकर सीधी कलेक्टर से जवाब तलब किया है। सामाजिक कार्यकर्ता शंखधर गौतम की शिकायत पर विगत माह ईओडब्ल्यू भोपाल ने जिला पंचायत सीधी के कई निर्माण कार्यों के फर्जी राशि आहरण के संबंध में पत्राचार करते हुए पत्राचार करते हुए अपर सचिव मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जानकारी चाही थी जिसके तारतम्य में पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के संचालक सह आयुक्त अमरपाल सिंह ने सीधी कलेक्टर को पत्राचार करते हुए 15 दिवस के अंदर समस्त बिंदुओं की जानकारी मांगी थी परंतु 2 माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी कलेक्टर अभी तक जवाब नहीं दे पाए हैं।

विदित हो कि जिला पंचायत के घटिया रेनोवेशन को लेकर जहां भोपाल में यह सुर्खियां बटोर रहा है। जिला पंचायत में 14 वें एवं 15 वें वित्त में जमकर हेराफेरी की गई है। जिसके पैसे से जिला पंचायत का रेनोवेशन कराया गया है। सीधी जिला पंचायत के रेनोवेशन कराने का ठेका आरईएस विभाग द्वारा मे. न्यू भवानी ज्वेलर्स सब्जी मंडी के पास गुरूद्वारा रोड सीधी को 10 मई 2022 को दिया गया था। जिसमें तीन महीने के अंदर कार्य पूर्ण कराने का एग्रीमेंट किया गया था। लेकिन एक वर्ष होने को है बावजूद इसके अभी तक यह कार्य पूर्ण नही हो सका है। बताया गया है कि घटिया तरीके से कुछ जगह रंगाई-पुताई कराकर आरईएस एवं जिला पंचायत के 14 वां एवं 15 वां वित्त के प्रभारी व ठेकेदार द्वारा राशि आहरित कर कार्य पूर्ण कर दिया गया है। जिसको लेकर समाजसेवी शंखधर गौतम मिश्र ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी लेकिन जब जानकारी नही मिली तो उन्होने इस मामले की शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मध्यप्रदेश भोपाल के कार्यालय में की। जहां आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ कार्यालय भोपाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर संबंधित शिकायत की जानकारी मांगी गई थी जिसके उपरांत अपर सचिव ने संचालक सह आयुक्त को पत्र लिखकर उक्त जानकारी कलेक्टर सीधी से मंगाने के निर्देश थे।

10 अप्रैल को पत्र हुआ था जारी 

संचालक सह आयुक्त मध्यप्रदेश पंचायत राज्य संचालनालय द्वारा अपर सचिव एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के पत्र का हवाला देते हुए 10 अप्रैल 2023 को कलेक्टर सीधी को पत्र लिखकर 15 दिवस के अंदर बिंदुवार जांच कर मांगा गया था लेकिन आज दिनांक तक इस संबंध में कोई जानकारी कलेक्टर कार्यालय द्वारा नही भेजी गई है। यह हम नही कह रहे है बल्कि इस मामले को लेकर जब कलेक्टर साकेत मालवीय से जानकारी दूरभाष पर चाही गई तो उन्होने अवलोकन उपरांत जानकारी देने को कहा लेकिन उसके बाद जब उनसे सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो वह फोन नही रिसीव किये। और आज तक उन्होंने इस मामले की जानकारी नहीं दी,जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि उक्त संबंध में अभी तक कलेक्टर कार्यालय से कोई जानकारी पंचायत राज संचालनालय को नही भेजी गई है।

ठंडे बस्ते में डाल दिया गया EOW का पत्र 

उल्लेखनीय है कि जब शिकायतकर्ता को सीधे तौर पर जानकारी नही मिली तो वह आर्थिक अपराध कार्यालय की शरण में चला गया जहां से इस मामले को लेकर जानकारी मांगने संबंधी पत्र पहुंचा तो समूचे अमले में खलबली मच गई थी लेकिन अब वह भी शांत हो गया है। बता दें कि जिला पंचायत एवं आरईएस के माध्यम से जिले में करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार किया गया है इस बात की जानकारी जिम्मेदार जिला प्रशासन के पास होने के बाद भी कार्रवाई से बच रहे थे। ऐसे में अब यह पत्र उन्हे कार्रवाई के लिए मजबूर कर रहा है। हलाकि पंचायत राज संचालनालय द्वारा जारी पत्र की समयावधि बीत गई है लेकिन कलेक्टर कार्यालय द्वारा की गई कार्रवाई का कहीं कोई रता-पता नही लग रहा है।

समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button